चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ

(1)  सर्वशक्तिमान परमेश्वर की  कलीसिया  के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और  सर्वशक्तिमान परमेश्वर  की क...

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शुक्रवार, 17 अप्रैल 2020

परमेश्वर नीनवे के नागरिकों के हृदय की गहराइयों में सच्चा पश्चाताप देखता है

यहोवा परमेश्वर की चेतावनी के प्रति नीनवे और सदोम की प्रतिक्रिया में स्पष्ट अन्तर
उलट दिए जाने का क्या अर्थ है? बोलचाल की भाषा में, इसका अर्थ है लोप हो जाना। परन्तु किस प्रकार से? कौन एक नगर को पूर्ण रूप से उलट सकता है? किसी मनुष्य के लिए ऐसा काम करना असम्भव है, हाँ वास्तव में। ये लोग कोई मूर्ख नहीं थे; ज्यों ही उन्होंने इस घोषणा को सुना, त्यों ही वे इसके अभिप्राय को समझ गये।

सोमवार, 16 मार्च 2020

नीनवे के लोगों के हृदयों में सच्चे पश्चाताप से उन्होंने परमेश्वर की दया को प्राप्त किया और उसने उनके अंत को बदल दिया


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "क्या परमेश्वर के हृदय के बदलाव और उसके क्रोध के बीच कोई परस्पर विरोध था? नहीं, बिल्कुल भी नहीं! यह इसलिए है क्योंकि उस विशेष समय पर परमेश्वर की सहनशीलता का अपना कारण था। इसका कारण क्या हो सकता है? इसका कारण वह है जिसे बाइबल में दिया गया है: ’प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने कुमार्ग से फ़िर गया,‘ और ’अपने हाथों के उपद्रवी कार्यों को तज दिया।‘"

सोमवार, 13 जनवरी 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" (अंश 1)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "परमेश्वर का स्वभाव सब के लिए खुला हुआ है और यह छिपा हुआ नहीं है, क्योंकि परमेश्वर ने जान-बूझकर कभी भी किसी व्यक्ति को दूर नहीं किया है और उसने कभी भी जान-बूझकर स्वयं को छिपाने का प्रयास नहीं किया है जिससे लोग उसे जानने या समझने के योग्य नहीं हो पाएँगे।

शनिवार, 11 जनवरी 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर के स्वभाव और उसके कार्य के परिणाम को कैसे जानें" (अंश 7)

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर के स्वभाव और उसके कार्य के परिणाम को कैसे जानें" (अंश 7)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "उससे परमेश्वर के समान व्यवहार करना ही परमेश्वर का भय मानने का आरम्भिक बिन्दु है किसी ने अभी-अभी एक प्रश्न उठाया था: ऐसा कैसे है कि हम अय्यूब की अपेक्षा परमेश्वर के बारे में अधिक जानते हैँ, फिर भी हम परमेश्वर का भय नहीं मान सकते हैं?

रविवार, 29 दिसंबर 2019

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर को जानना परमेश्वर का भय मानने और बुराई से दूर रहने का मार्ग है" (अंश I)

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर को जानना परमेश्वर का भय मानने और बुराई से दूर रहने का मार्ग है" (अंश I)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "तुम में से प्रत्येक व्यक्ति परमेश्वर में विश्वास करके नए सिरे से अपने जीवन की जांच करके यह देख सकता है कि क्या परमेश्वर को खोजते समय, तुम सच्चे रूप में समझ पाए हो, सच्चे रूप में पूर्णत: समझ गये हो, और सच्चे रूप में परमेश्वर को जाने हो, और यह कि तुम सच्चे रूप में जान गये हो कि, विभिन्न मनुष्यों के प्रति परमेश्वर का मनोभाव क्या है, और यह कि तुम वास्तव में यह समझ गये हो कि परमेश्वर तुम पर क्या कार्य कर रहा है और परमेश्वर कैसे उसके प्रत्येक कार्य को व्यक्त करता है।

शनिवार, 6 अप्रैल 2019

2. धार्मिक दुनिया ने क्यों हमेशा मसीह को नकारा तथा अस्वीकार किया है और उसकी निंदा की है, जिससे उसे परमेश्वर के शापों का सामना करना पड़ा है?

परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, परमेश्वर को जानना, बाइबिल की भविष्यवाणी

2. धार्मिक दुनिया ने क्यों हमेशा मसीह को नकारा तथा अस्वीकार किया है और उसकी निंदा की है, जिससे उसे परमेश्वर के शापों का सामना करना पड़ा है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"एक और दृष्‍टान्त सुनो: एक गृहस्वामी था, जिसने दाख की बारी लगाई, उसके चारों ओर बाड़ा बाँधा, उसमें रस का कुंड खोदा और गुम्मट बनाया, और किसानों को उसका ठेका देकर परदेश चला गया। जब फल का समय निकट आया, तो उसने अपने दासों को उसका फल लेने के लिये किसानों के पास भेजा। पर किसानों ने उसके दासों को पकड़ के, किसी को पीटा, और किसी को मार डाला, और किसी पर पथराव किया। फिर उसने पहलों से अधिक और दासों को भेजा, और उन्होंने उनसे भी वैसा ही किया। अन्त में उसने अपने पुत्र को उनके पास यह सोच कर भेजा कि वे मेरे पुत्र का आदर करेंगे। परन्तु किसानों ने पुत्र को देखकर आपस में कहा, 'यह तो वारिस है, आओ, इसे मार डालें और इसकी मीरास ले लें।' अत: उन्होंने उसे पकड़ा और दाख की बारी से बाहर निकालकर मार डाला" (मत्ती 21:33-39)।
"इस पर प्रधान याजकों और फरीसियों ने महासभा बुलाई, और कहा, 'हम करते क्या हैं? यह मनुष्य तो बहुत चिह्न दिखाता है। यदि हम उसे यों ही छोड़ दें, तो सब उस पर विश्‍वास ले आएँगे, और रोमी आकर हमारी जगह और जाति दोनों पर अधिकार कर लेंगे।' … अत: उसी दिन से वे उसे मार डालने का षड्‍यन्त्र रचने लगे" (यूहन्ना 11:47-48, 53)।

मंगलवार, 26 मार्च 2019

7. एक धोखेबाज व्यक्ति क्या है? धोखेबाज़ लोगों को क्यों नहीं बचाया जा सकता है?

परमेश्वर को जानना, सुसमाचार से सम्बन्धित सत्य

एक धोखेबाज व्यक्ति क्या है? धोखेबाज़ लोगों को क्यों नहीं बचाया जा सकता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यदि तुम बहुत धोखेबाज हो, तो तुम्हारे पास एक संरक्षित हृदय होगा और सभी मामलों और सभी लोगों के बारे में संदेह के विचार होंगे। इसी कारण से, मुझ में तुम्हारा विश्वास संदेह कि नींव पर बना है। इस प्रकार के विश्वास को मैं कभी भी स्वीकार नहीं करूँगा। सच्चे विश्वास का अभाव होने पर, तुम सच्चे प्रेम से और भी अधिक दूर होगे। और यदि तुम परमेश्वर पर भी संदेह करने और अपनी इच्छानुसार उसके बारे में अनुमान लगाने में समर्थ हो, तो तुम संदेह से परे मनुष्यों में सबसे सबसे अधिक धोखेबाज हो।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "पृथ्वी के परमेश्वर को कैसे जानें" से

शुक्रवार, 15 मार्च 2019

3. एक मात्र सच्चे परमेश्वर को "त्रिदेव या त्रिविध परमेश्वर" के रूप में वर्णित करना, परमेश्वर की अवहेलना और निंदा करना है।

त्रिविध परमेश्वर, परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, परमेश्वर को जानना

एक मात्र सच्चे परमेश्वर को "त्रिदेव या त्रिविध परमेश्वर" के रूप में वर्णित करना, परमेश्वर की अवहेलना और निंदा करना है।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मैं बताता हूँ कि वास्तव में, ब्रह्माण्ड में कहीं भी त्रित्व का अस्तित्व नहीं है। परमेश्वर के न पिता हैं और न पुत्र, पिता और पुत्र के द्वारा संयुक्त तौर पर उपयोग किया जाने वाले एक साधन: पवित्र-आत्मा, की परिकल्पना तो बिल्कुल नहीं है। यह सब बड़ा भ्रम है और संसार में इसका कोई अस्तित्व नहीं है! परन्तु इस प्रकार के भ्रम का अपना मूल है और यह पूरी तरह से बिना आधार के नहीं है, क्योंकि तुम लोगों की बुद्धि बहुत ही साधारण नहीं है और विचार बिना तर्क के नहीं हैं। बल्कि, वे काफी उपयुक्त और प्रवीण हैं, इतने कि किसी शैतान के द्वारा भी अभेद्य हैं। अफसोस यह है कि ये विचार बिल्कुल भ्रामक हैं और इनका अस्तित्व नहीं है!

गुरुवार, 14 मार्च 2019

2. यह क्यों कहा गया है कि "त्रिविध परमेश्वर" सबसे बेतुकी बात है?

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यह क्यों कहा गया है कि "त्रिविध परमेश्वर" सबसे बेतुकी बात है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यीशु के देहधारी होने के सत्य के विकसित होने के बाद ही मनुष्य इस बात को महसूस कर पाया: यह न केवल स्वर्ग का परमेश्वर है, बल्कि यह पुत्र भी है, और यहां तक कि वह आत्मा भी है। यह पारम्परिक धारणा है जिसे मनुष्य धारण किए हुए है, कि एक ऐसा परमेश्वर है जो स्वर्ग में हैः एक त्रित्व जो पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा है, और ये सभी एक में हैं। सभी मानवों की यही धारणाएं हैं: परमेश्वर केवल एक ही परमेश्वर है, परन्तु उसके तीन भाग हैं, जिसे कष्टदायक रूप से पारंपरिक धारणा में दृढ़ता से जकड़े सभी लोग पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा मानते हैं। केवल यही तीनों संपूर्ण परमेश्वर को बनाते हैं। बिना पवित्र पिता के परमेश्वर संपूर्ण नहीं बनता है।

बुधवार, 13 मार्च 2019

1. वह सच्चा परमेश्वर जिसने आकाश, पृथ्वी और सब कुछ बनाया है, एक है या तीन है?

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वह सच्चा परमेश्वर जिसने आकाश, पृथ्वी और सब कुछ बनाया है, एक है या तीन है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"फिलिप्पुस ने उससे कहा, 'हे प्रभु, पिता को हमें दिखा दे, यही हमारे लिये बहुत है।' यीशु ने उससे कहा, 'हे फिलिप्पुस, मैं इतने दिन से तुम्हारे साथ हूँ, और क्या तू मुझे नहीं जानता? जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है। तू क्यों कहता है कि पिता को हमें दिखा? क्या तू विश्‍वास नहीं करता कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझ में है? ये बातें जो मैं तुम से कहता हूँ, अपनी ओर से नहीं कहता, परन्तु पिता मुझ में रहकर अपने काम करता है'" (युहन्ना 14:8-10)।
"मैं और पिता एक हैं" (यूहन्ना 10:30)।

बुधवार, 6 मार्च 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन|परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का अभ्यास

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परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का अभ्यास

मनुष्य के बीच परमेश्वर का कार्य मनुष्य से अवियोज्य है, क्योंकि मनुष्य इस कार्य का लक्ष्य है, और परमेश्वर के द्वारा रचा गया एकमात्र ऐसा प्राणी है जो परमेश्वर की गवाही दे सकता है। मनुष्य का जीवन और मनुष्य के समस्त क्रियाकलाप परमेश्वर से अवियोज्य हैं, और उन सब को परमेश्वर के हाथों के द्वारा नियन्त्रित किया जाता है, और यहाँ तक कि यह भी कहा जा सकता है कि कोई भी व्यक्ति परमेश्वर से स्वाधीन होकर अस्तित्व में नहीं रह सकता है। कोई भी इसे नकार नहीं सकता है, क्योंकि यह एक तथ्य है। वह सब कुछ जो परमेश्वर करता है मनुष्यजाति के लाभ के लिए है, और शैतान के षडयन्त्रों की ओर निर्देशित है।

सोमवार, 4 मार्च 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन|देहधारी परमेश्वर की सेवकाई और मनुष्य के कर्तव्य के बीच अंतर

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन|देहधारी परमेश्वर की सेवकाई और मनुष्य के कर्तव्य के बीच अंतर

तुम लोगों को अवश्य परमेश्वर के कार्य के दर्शन को जान लेना चाहिए और उसके कार्य के सामान्य निर्देशों को समझ लेना चाहिए। यह एक सकारात्मक तरीके से प्रवेश है। एक बार जब तुम दर्शन के सत्यों में परिशुद्धता से निपुण हो जाते हो, तो तुम्हारा प्रवेश सुरक्षित बन जाता है; इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि उसका कार्य कैसे बदलता है, तुम अपने हृदय में अडिग बने रहोगे, दर्शन के बारे में स्पष्ट रहोगे, और तुम्हारे पास तुम्हारे प्रवेश और तुम्हारी तलाश के लिए एक लक्ष्य होगा। इस तरह से, तुम्हारे भीतर का समस्त अनुभव और ज्ञान और गहराई से बढ़ेगा और अधिक परिष्कृत हो जाएगा। एक बार जब तुम बड़ी तस्वीर को उसकी सम्पूर्णता में समझ जाते हो, तो तुम जीवन में कोई नुकसान नहीं भुगतोगे, और तुम खोओगे नहीं।

रविवार, 3 मार्च 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन|परमेश्वर सम्पूर्ण सृष्टि का प्रभु है

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन|परमेश्वर सम्पूर्ण सृष्टि का प्रभु है

पिछले दो युगों के कार्यों में से एक चरण का कार्य इस्राएल में सम्पन्न हुआ; दूसरा यहूदिया में हुआ। सामान्य तौर पर कहा जाए तो, इस कार्य के किसी भी चरण ने इस्राएल को नहीं छोड़ा; कार्य ये वे चरण थे जो आरंभ में चुने गए लोगों के बीच किए गए थे। इस प्रकार, इस्राएलियों के दृष्टिकोण से, यहोवा परमेश्वर केवल इस्राएलियों का परमेश्वर है। यहूदिया में यीशु के कार्य के कारण और सूली पर चढ़ाए जाने के उसके कार्य की पूर्णता के कारण, यहूदियों के दृष्टिकोण से, यीशु यहूदियों का मुक्तिदाता है।

शुक्रवार, 1 मार्च 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - तेरहवाँ कथन"

कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - तेरहवाँ कथन"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "वास्तविक अनुभव के बिना, कोई मानव कभी भी मुझे नहीं जान पाएगा, मेरे वचनों के माध्यम से मुझे जानने में कभी भी समर्थ नहीं हो सकेगा। किन्तु आज मैं व्यक्तिगत रूप से तुम लोगों के बीच आया हूँ: क्या यह मुझे जानना तुम्हारे लिए सुगम नहीं बनाएगा? क्या ऐसा हो सकता है कि मेरा देहधारण भी तुम्हारे लिए उद्धार नहीं है? यदि मैं अपने व्यक्तित्व में मानवजाति में नहीं उतरा होता, तो सम्पूर्ण मानवजाति बहुत समय पूर्व धारणाओं के साथ से रिस गई होती, जिसका अर्थ है कि शैतान की सम्पत्ति बन गई होती, क्योंकि जो कुछ तुम विश्वास करते हो वह सिर्फ़ शैतान की छवि है और परमेश्वर स्वयं से उसका कुछ लेना-देना नहीं है। क्या यह मेरे द्वारा उद्धार नहीं है?"

गुरुवार, 28 फ़रवरी 2019

6. क्या धार्मिक दुनिया में सच्चाई और परमेश्वर की सत्ता होती है, या मसीह-शत्रु और शैतान की सत्ता है?

परमेश्वर को जानना, परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, पवित्र आत्मा का कार्य

6. क्या धार्मिक दुनिया में सच्चाई और परमेश्वर की सत्ता होती है, या मसीह-शत्रु और शैतान की सत्ता है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! तुम मनुष्यों के लिए स्वर्ग के राज्य का द्वार बन्द करते हो, न तो स्वयं ही उसमें प्रवेश करते हो और न उस में प्रवेश करनेवालों को प्रवेश करने देते हो" (मत्‍ती 23:13)।
"यीशु ने परमेश्‍वर के मन्दिर में जाकर उन सब को, जो मन्दिर में लेन-देन कर रहे थे, निकाल दिया, और सर्राफों के पीढ़े और कबूतर बेचनेवालों की चौकियाँ उलट दीं; और उनसे कहा, 'लिखा है, "मेरा घर प्रार्थना का घर कहलाएगा"; परन्तु तुम उसे डाकुओं की खोह बनाते हो'" (मत्‍ती 21:12-13)।

बुधवार, 27 फ़रवरी 2019

5. किसी ऐसे व्यक्ति का क्या अंजाम होता है जो धर्म में परमेश्वर पर विश्वास करता है और फरीसियों और मसीह-शत्रुओं के भ्रम और नियंत्रण से पीड़ित है? क्या इस तरह से परमेश्वर में विश्वास करने वाला कोई व्यक्ति परमेश्वर द्वारा बचाया जा सकता है?

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5. किसी ऐसे व्यक्ति का क्या अंजाम होता है जो धर्म में परमेश्वर पर विश्वास करता है और फरीसियों और मसीह-शत्रुओं के भ्रम और नियंत्रण से पीड़ित है? क्या इस तरह से परमेश्वर में विश्वास करने वाला कोई व्यक्ति परमेश्वर द्वारा बचाया जा सकता है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"उन को जाने दो; वे अंधे मार्गदर्शक हैं और अंधा यदि अंधे को मार्ग दिखाए, तो दोनों ही गड़हे में गिर पड़ेंगे" (मत्‍ती 15:14)।
"क्योंकि जो इन लोगों की अगुवाई करते हैं वे इनको भटका देते हैं, और जिनकी अगुवाई होती है वे नष्‍ट हो जाते हैं" (यशायाह 9:16)।

मंगलवार, 26 फ़रवरी 2019

4. क्या धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग सभी वास्तव में परमेश्वर द्वारा प्रतिष्ठित हैं? क्या धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों के प्रति स्वीकृति और आज्ञाकारिता परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारिता और उसके अनुसरण को दर्शा सकती हैं?

 
परमेश्वर को जानना, पवित्र आत्मा, प्रभु यीशु, परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य

4. क्या धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग सभी वास्तव में परमेश्वर द्वारा प्रतिष्ठित हैं? क्या धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों के प्रति स्वीकृति और आज्ञाकारिता परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारिता और उसके अनुसरण को दर्शा सकती हैं?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"इसलिये अब सुन, इस्राएलियों की चिल्‍लाहट मुझे सुनाई पड़ी है, और मिस्रियों का उन पर अन्धेर करना भी मुझे दिखाई पड़ा है। इसलिये आ, मैं तुझे फ़िरौन के पास भेजता हूँ कि तू मेरी इस्राएली प्रजा को मिस्र से निकाल ले आए" (निर्गमन 3:9-10)।
"भोजन करने के बाद यीशु ने शमौन पतरस से कहा, 'हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तू इन से बढ़कर मुझ से प्रेम रखता है?' ... उसने उससे कहा, 'मेरे मेमनों को चरा।' उसने फिर दूसरी बार उससे कहा, 'हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तू मुझ से प्रेम रखता है?' ... उसने उससे कहा, 'मेरी भेड़ों की रखवाली कर' (युहन्ना 21:15-16)।

बुधवार, 20 फ़रवरी 2019

Hindi Gospel Song | परमेश्वर को बेहतर जान सकते हैं लोग वचनों के कार्य के ज़रिये

Hindi Gospel Song | परमेश्वर को बेहतर जान सकते हैं लोग वचनों के कार्य के ज़रिये | Do You Know the Authority of God's Word?

अंत के दिनों का परमेश्वर मुख्यतः प्रयोग करता है वचन पूर्ण करने के लिए इंसान को, न कि संकेतों या चमत्कारों का, उसे दबाने या मनाने के लिए, क्योंकि ज्ञात नहीं होती इनसे सामर्थ्य परमेश्वर की। अगर परमेश्वर दिखाता संकेत और चमत्कार केवल, तो नामुमकिन होता समझाना परमेश्वर की वास्तविकता को।

मंगलवार, 12 फ़रवरी 2019

जब तुम यीशु के आध्यात्मिक शरीर को देख रहे होगे ऐसा तब होगा जब परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी को नये सिरे से बना चुका होगा

परमेश्वर को जानना, प्रभु यीशु की वापसी, परमेश्वर के वचन

जब तुम यीशु के आध्यात्मिक शरीर को देख रहे होगे ऐसा तब होगा जब परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी को नये सिरे से बना चुका होगा

क्या तुम यीशु को देखना चाहते हो? क्या तुम यीशु के साथ रहना चाहते हो? क्या तुम यीशु के द्धारा कहे गए वचनों को सुनना चाहते हो? यदि ऐसा है, तो तुम यीशु के लौटने का कैसे स्वागत करेंगे? क्या तुम पूरी तरह से तैयार हो? किस ढंग से तुम यीशु के लौटने का स्वागत करेंगे? मुझे लगता है कि प्रत्येक भाई और बहन जो यीशु का अनुसरण करतें हो यीशु का अच्छी तरह से स्वागत करना चाहेंगे। परन्तु क्या तुम लोगों ने विचार किया है कि जब यीशु वापस आएगा तो क्या तुम सचमुच में उसे पहचान लेंगे? क्या तुम लोग सचमुच में वह सब कुछ समझ जाएँगे जो वह कहेगा?

सोमवार, 11 फ़रवरी 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन|तुम विश्वास के विषय में क्या जानते हो

परमेश्वर को जानना, परमेश्वर में आस्था, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन-तुम विश्वास के विषय में क्या जानते हो

मनुष्य केवल विश्वास के अनिश्चित शब्द पर बना रहता है, फिर भी मनुष्य यह नहीं जानता है कि वह क्या है जो विश्वास का निर्माण करता है, और यह तो बिलकुल ही नहीं जानता है कि उसके पास विश्वास क्यों है। मनुष्य बहुत ही कम जानता है और स्वयं मनुष्य में बहुत सारी कमियाँ हैं; वह बस लापरवाही और अज्ञानता से मुझ पर विश्वास रखता है। यद्यपि वह नहीं जानता है कि विश्वास क्या है न ही वह यह जानता है कि वह क्यों मुझ पर विश्वास रखे हुए है, वह सनक के साथ निरन्तर ऐसा करता रहता है। जो मैं मनुष्य से चाहता हूँ वह मात्र यह नहीं है कि वह सनक के साथ मुझे इस तरह पुकारे या अव्यवस्थित रीति से मुझ पर विश्वास करे।

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