चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ

(1)  सर्वशक्तिमान परमेश्वर की  कलीसिया  के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और  सर्वशक्तिमान परमेश्वर  की क...

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शुक्रवार, 19 जुलाई 2019

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V परमेश्वर की पवित्रता (II)" (भाग चार)


अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V परमेश्वर की पवित्रता (II)" (भाग चार)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "समझदारी, परमेश्वर का तत्व और परमेश्वर के तत्व को जानना लोगों के जीवन में अपार सहायता प्रदान करता है। मैं आशा करता हूं कि आप इसमें लापरवाही नहीं बरतेंगे इसे एक खेल की तरह नहीं लेंगे; क्योंकि परमेश्वर को जानना, परमेश्वर में मनुष्य के विश्वास का आधार है और मनुष्य की सत्य और मुक्ति की खोज की नींव है और एक ऐसी चीज़ है जिसे किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जा सकता।

शनिवार, 13 जुलाई 2019

मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V परमेश्वर की पवित्रता (II)" (भाग तीन के क्रम में)


मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V परमेश्वर की पवित्रता (II)" (भाग तीन के क्रम में)

इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट होता है" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री:
1. कैसे शैतान मनुष्य को भ्रष्ट करने के लिए ज्ञान का उपयोग करता है
2. कैसे शैतान मनुष्य को भ्रष्ट करने में विज्ञान का उपयोग करता है
3. कैसे शैतान मनुष्य को भ्रष्ट करने के लिए पारम्परिक संस्कृति का उपयोग करता है
4. कैसे शैतान मनुष्य को भ्रष्ट करने के लिए अंधविश्वास का उपयोग करता है

बुधवार, 19 जून 2019

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI परमेश्वर की पवित्रता (III)" (भाग चार)


अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI परमेश्वर की पवित्रता (III)" (भाग चार)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "क्योंकि परमेश्वर का सार पवित्र है; इसका मतलब है कि केवल परमेश्वर के माध्यम से ही तुम जीवन के आर पार उज्जवल, एवं सही मार्ग पर चल सकते हो; केवल परमेश्वर के माध्यम से ही तुम जीवन के अर्थ को जान सकते हो, केवल परमेश्वर के माध्यम से ही तुम वास्तविक जीवन को जी सकते हो, सच्चाई को धारण कर सकते हो, सच्चाई को जान सकते हो, और केवल परमेश्वर के माध्यम से ही तुम सच्चाई से जीवन प्राप्त कर सकते हो। केवल स्वयं परमेश्वर ही तुम्हें बुराई से दूर रहने में सहायता कर सकता है और शैतान की हानि एवं नियन्त्रण से छुटकारा दे सकता है।

गुरुवार, 13 जून 2019

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III परमेश्वर का अधिकार" (अंश 2)



अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III परमेश्वर का अधिकार" (अंश 2)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि किसी व्यक्ति की योग्यताएं कितनी ऊंची हैं, वह दूसरों की नियति को प्रभावित नहीं कर सकता है, आयोजित, व्यवस्थित, नियन्त्रित, या परिवर्तित तो बिलकुल नहीं कर सकता है। केवल स्वयं अद्वितीय परमेश्वर ही मनुष्य के लिए सभी हालातों को नियन्त्रित करता है, क्योंकि केवल वह ही अद्वितीय अधिकार धारण करता है जो मानव की नियति के ऊपर संप्रभुता रखता है; और इस प्रकार केवल सृष्टिकर्ता ही मनुष्य का अद्वितीय स्वामी है।

शुक्रवार, 11 जनवरी 2019

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" (भाग सात)

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग सात)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "इसे साधारण रूप से कहें, तो परमेश्वर के अधिकार के अधीन प्रत्येक व्यक्ति सक्रियता से या निष्क्रियता से उसकी संप्रभुता एवं इंतज़ामों को स्वीकार करता है, और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वह किस प्रकार अपने जीवन के पथक्रम में संघर्ष करता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वह कितने टेढ़े-मेढ़े पथों पर चलता है, क्योंकि अंत में वह नियति की परिक्रमा-पथ पर वापस लौट आएगा जिसे सृष्टिकर्ता ने उस पुरुष या स्त्री के लिए चिन्हित किया है।

मंगलवार, 25 दिसंबर 2018

"स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII परमेश्वर सभी चीज़ों के लिए जीवन का स्रोत है (II)"(भाग चार)

मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII परमेश्वर सभी चीज़ों के लिए जीवन का स्रोत है (II)" (भाग चार)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "बिल्कुल! यह निश्चित है। परमेश्वर के द्वारा सभी चीज़ों की आपूर्ति यह दिखाने के लिए पर्याप्त है कि परमेश्वर सभी चीज़ों के लिए जीवन का स्रोत है, क्योंकि वह आपूर्ति का स्रोत है जिसने सभी चीज़ों को अस्तित्व में बने रहने, जीवित रहने, पुनः उत्पन्न करने और निरन्तर जारी रखने के योग्य किया है। परमेश्वर के अलावा और कोई नहीं है। वह सभी चीज़ों की सारी आवश्यकताओं की आपूर्ति करता है और मानवजाति की सारी आवश्यकताओं की आपूर्ति करता है, इसके बावजूद कि ये बहुत ही मूलभूत आवश्यकताएँ हों, जिनकी लोगों को प्रतिदिन आवश्यकता होती है, या लोगों की आत्माओं के लिए सत्य की आपूर्ति हो। सभी दृष्टिकोण से, जब परमेश्वर की पहचान और मानवजाति के लिए उसकी पदस्थिति की बात आती है, तो केवल स्वयं परमेश्वर ही सभी चीज़ों के लिए जीवन का स्रोत है।

सोमवार, 24 दिसंबर 2018

"स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IX परमेश्वर सभी चीज़ों के लिए जीवन का स्रोत है (III)" (भाग तीन)

मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IX परमेश्वर सभी चीज़ों के लिए जीवन का स्रोत है (III)" (भाग तीन)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "जब परमेश्वर ने सभी चीज़ों की सृष्टि की, तब उसने उन्हें सन्तुलित करने के लिए, पहाड़ों और झीलों की जीवित दशाओं को सन्तुलित करने के लिए, पौधों और सभी प्रकार के पशुओं, पक्षियों, कीड़ों-मकोड़ों की जीवित दशाओं को सन्तुलित करने के लिए सभी प्रकार की पद्धतियों और तरीकों का उपयोग किया—उसका लक्ष्य था सभी प्रकार के जीवित प्राणियों को उन नियमों के अंतर्गत जीने और बहुगुणित होने की अनुमति दे जिन्हें उसने स्थापित किया था। सभी प्राणी इन नियमों के बाहर नहीं जा सकते हैं और न वे उन्हें तोड़ सकते हैं। केवल इस प्रकार के मूल वातावरण के अंतर्गत ही

मनुष्य पीढ़ी दर पीढ़ी सकुशल जीवित रह सकते हैं और बहुगुणित हो सकते हैं।"

बुधवार, 31 अक्तूबर 2018

मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" (भाग एक के क्रम में)

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" (भाग एक के क्रम में)

इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट होता है" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री: परमेश्वर के प्रबन्ध का कार्य एवं मानवजाति का उद्धार अब्राहम द्वारा इसहाक के बलिदान के साथ प्रारम्भ होता है। परमेश्वर परवाह नहीं करता है यदि मनुष्य मूर्ख है—वह केवल यह मांग करता है कि मनुष्य सच्चा हो मनुष्य अपनी ईमानदारी और आज्ञाकारिता की वजह से परमेश्वर की आशीषों प्राप्त करता है ऐसे लोग जो परमेश्वर को जानते हैं और जो उसकी गवाही देने के योग्य हैं उन्हें हासिल करना परमेश्वर की अपरिवर्तनीय इच्छा है

मंगलवार, 30 अक्तूबर 2018

"स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IX परमेश्वर सभी चीज़ों के लिए जीवन का स्रोत है (III)" (भाग एक)

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IX परमेश्वर सभी चीज़ों के लिए जीवन का स्रोत है (III)" (भाग एक)

इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट होता है" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री:


1.परमेश्वर समस्त मानवजाति का पालन पोषण करने हेतु सभी चीज़ों के लिये सीमाएं तय करता है।

रविवार, 28 अक्तूबर 2018

"स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII परमेश्वर सभी चीज़ों के लिए जीवन का स्रोत है (II)" (भाग तीन)

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII परमेश्वर सभी चीज़ों के लिए जीवन का स्रोत है (II)" (भाग तीन)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर ने गुप्त में कार्य किया था। जब मनुष्य इस पृथ्वी पर आया ही नहीं था, अर्थात् इस मानवजाति के सम्पर्क में आने से पहले ही, परमेश्वर ने इन सब को बना लिया था। जो कुछ भी उसने किया था वह मानवजाति के लिए था, उनके जीवित रहने के लिए और मानवजाति के अस्तित्व के विचार के लिए था, ताकि मानवजाति इस समृद्ध और भरपूर भौतिक संसार में रह सके जिसे परमेश्वर ने उनके लिए बनाया था, और जिससे वे प्रसन्नता से जी सकें, उन्हें भोजन एवं वस्त्रों की चिन्ता न करना पड़े, और उन्हें किसी बात की कोई घटी न हो।

शनिवार, 27 अक्तूबर 2018

मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" (भाग चार के क्रम में)

मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" (भाग चार के क्रम में)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं "यद्यपि परमेश्वर ने इंद्रधनुष का उपयोग करते हुए मानवजाति के साथ एक वाचा बाँधी फिर भी उसने किसी को कभी नहीं बताया कि क्यों उसने ऐसा किया था, क्यों उसने इस वाचा को ठहराया था, मतलब उसने कभी किसी को अपने वास्तविक विचारों को नहीं बताया था। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसा कोई नहीं है जो उस प्रेम की गहराई को बूझ सकता है जो मानवजाति के लिए परमेश्वर के पास है जिसे उसने अपने हाथों से बनाया था, और साथ ही ऐसा कोई भी नहीं है जो यह तारीफ कर सके कि उसके हृदय ने वास्तव में कितनी पीड़ा सहन की थी जब उसने मानवता का विनाश किया था। इसलिए, भले ही वह लोगों को बताता है कि वह कैसा महसूस करता है, फिर भी वे इस भरोसे की ज़िम्मेदारी लेकर उसका आरम्भ नहीं कर सकते है।

शुक्रवार, 26 अक्तूबर 2018

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VII" (भाग एक)

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VII (I) परमेश्वर के अधिकार, परमेश्वर के धर्मी स्वभाव, एवं परमेश्वर की पवित्रता का अवलोकन" (भाग एक) 


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर सचमुच में मौजूद है, और यह एक तथ्य है कि वह सभी चीज़ों को आज्ञा देता है। किसी भी मनुष्य को उसके धर्मी स्वभाव को ठेस नहीं पहुँचना चाहिए और उसकी पवित्रता एक निश्चितता है जिस पर कोई मनुष्य प्रश्न नहीं कर सकता है। ये तथ्य हैं।"

गुरुवार, 25 अक्तूबर 2018

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" (भाग एक)

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" (भाग एक)

इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट होता है" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री: कोई भी उस कार्य को बाधित नहीं कर सकता है जिसे करने का परमेश्वर ने दृढ़ निश्चय करता है "परमेश्वर की प्रबन्धकीय योजना किसी भी मनुष्य, मामले, या पर्यावरण के द्वारा अप्रभावित है। वह सब कुछ जिसे करने के लिए उसने दृढ़ निश्चय किया है वह समय पर एवं उसकी योजना के अनुसार खत्म एवं पूर्ण होगा, और उसके कार्य के साथ किसी भी मनुष्य के द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है। परमेश्वर मनुष्य की कुछ मूर्खताओं एवं अज्ञानताओं पर ध्यान नहीं देता है, और यहाँ तक उसके प्रति मनुष्य के कुछ प्रतिरोध एवं अवधारणाओं को भी नज़रअंदाज़ करता है; इसके बदले, वह बिना किसी संकोच के उस कार्य को करता है जो उसे करना चाहिए। यह परमेश्वर का स्वभावहै, और उसकी सर्वसामर्थता का प्रतिबिम्ब है।"

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" (भाग चार)

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" (भाग चार)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं "यद्यपि परमेश्वर ने इंद्रधनुष का उपयोग करते हुए मानवजाति के साथ एक वाचा बाँधी फिर भी उसने किसी को कभी नहीं बताया कि क्यों उसने ऐसा किया था, क्यों उसने इस वाचा को ठहराया था, मतलब उसने कभी किसी को अपने वास्तविक विचारों को नहीं बताया था। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसा कोई नहीं है जो उस प्रेम की गहराई को बूझ सकता है जो मानवजाति के लिए परमेश्वर के पास है जिसे उसने अपने हाथों से बनाया था, और साथ ही ऐसा कोई भी नहीं है जो यह तारीफ कर सके कि उसके हृदय ने वास्तव में कितनी पीड़ा सहन की थी जब उसने मानवता का विनाश किया था। इसलिए, भले ही वह लोगों को बताता है कि वह कैसा महसूस करता है, फिर भी वे इस भरोसे की ज़िम्मेदारी लेकर उसका आरम्भ नहीं कर सकते है।

शनिवार, 4 अगस्त 2018

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग चार)

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग चार)

इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट हुआ से आगे जारी" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री: सन्तान: पाँचवां घटनाक्रम 1. किसी व्यक्ति के पास इस पर कोई नियन्त्रण नहीं होता है कि उसकी संतान का क्या होगा 2. अगली पीढ़ी का पालन पोषण करने के बाद, लोग नियति के विषय में एक नई समझ हासिल करते हैं 3. नियति पर विश्वास करना सृष्टिकर्ता की संप्रभुता के ज्ञान के लिए कोई स्थानापन्न (के बदले में) नहीं है 4. केवल वे ही सच्ची स्वतन्त्रता हासिल कर सकते हैं जो सृष्टिकर्ता की संप्रभुता के अधीन हो जाते हैं

मंगलवार, 31 जुलाई 2018

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II परमेश्वर का धर्मी स्वभाव" (भाग एक)

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II परमेश्वर का धर्मी स्वभाव" (भाग एक)

इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट होता है" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री: (I) ढिठाई से परमेश्वर का विरोध करने से, मनुष्य परमेश्वर के क्रोध के द्वारा नाश हो जाता है। सदोम की भ्रष्टताः मुनष्यों को क्रोधित करने वाली, परमेश्वर के कोप को भड़काने वाली परमेश्वर के क्रोध को भड़काने के कारण सदोम को तबाह कर दिया गया परमेश्वर के प्रति सदोम के लगातार प्रतिरोध और शत्रुता के पश्चात्, उसने उसे पूरी तरह से मिटा दिया है

गुरुवार, 19 जुलाई 2018

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग पांच)

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग पांच)

इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट होता है" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री: मृत्यु: छठवां घटनाक्रम 1. केवल सृष्टिकर्ता के पास ही मनुष्य के जीवन एवं मृत्यु के ऊपर सामर्थ्य है। 2. मृत्यु के भय के द्वारा ऐसे व्यक्ति का निरन्तर पीछा किया जाएगा जो सृष्टिकर्ता की संप्रभुता को नहीं जानता है 3. एक ऐसा जीवन जो प्रसिद्धि एवं सौभाग्य की तलाश करते हुए गुज़रा है मृत्यु का सामना होने पर उसे नुकसान होगा

रविवार, 8 जुलाई 2018

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग तीन)

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग तीन)

इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट होता है" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री: स्वतन्त्रता: तीसरा घटनाक्रम 1. स्वतन्त्र होने के पश्चात्, कोई व्यक्ति सृष्टिकर्ता की संप्रभुता का अनुभव करना आरम्भ कर देता है 2. अपने माता पिता को छोड़ना और जीवन के रंगमंच में अपनी भूमिका अदा करने के लिए ईमानदारी से शुरुआत करना विवाह: चौथा घटनाक्रम 1. विवाह के विषय में किसी के पास कोई विकल्प नहीं है। 2. विवाह दो भागीदारों की नियति से जन्म लेता है

बुधवार, 23 मई 2018

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग 1)

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग 1)

इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट होता है" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री:
दीर्घ - और सूक्ष्म - दृष्टिकोण से परमेश्वर के अधिकार को समझना
मानवता की नियति और विश्व की नियति सृष्टिकर्ता की संप्रभुता से अविभाज्य हैं

बुधवार, 11 अप्रैल 2018

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग 2)



अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग 2)


इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट हुआ से आगे जारी" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री:
एक मनुष्य के जीवन में छ: घटनाक्रम
जन्म: पहला घटनाक्रम
1. सृष्टिकर्ता की योजनाओं के फलस्वरूप एक नए जीवन की उत्पत्ति हुई है
2. विभिन्न मानव विभिन्न परिस्थितियों के अंतर्गत जन्म क्यों लेते हैं
बढ़ना: दूसरा घटनाक्रम
1. वे परिस्थितियाँ जिसके अधीन कोई व्यक्ति बढ़ता है उन्हें सृष्टिकर्ता के द्वारा तय किया जाता है
2. ऐसी विभिन्न परिस्थितियाँ जिनके अधीन लोग पलते-बढ़ते हैं वे अलग अलग भूमिकाओं को जन्म देते हैं

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