चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ

(1)  सर्वशक्तिमान परमेश्वर की  कलीसिया  के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और  सर्वशक्तिमान परमेश्वर  की क...

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मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "देह की चिन्ता करने वालों में से कोई भी कोप के दिन से नहीं बच सकता है" (अंश 1)


परमेश्वर के दैनिक वचन "देह की चिन्ता करने वालों में से कोई भी कोप के दिन से नहीं बच सकता है" (अंश 1)

आज, मैं तुम लोगों के स्वयं के जीवित रहने के वास्ते तुम लोगों को इस प्रकार से धिक्कारता हूँ, ताकि मेरा कार्य सुचारू रूप से प्रगति करे, और सम्पूर्ण जगत में मेरा आरंभिक कार्य, मेरे वचनों, अधिकार, प्रताप और मेरे न्याय को सभी देशों और राष्ट्रों के लोगों के लिए प्रकट करते हुए, और भी अधिक उचित ढंग से और पूरी तरह से किया जा सके।

मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "केवल परमेश्वर के प्रबंधन के मध्य ही मनुष्य बचाया जा सकता है" (अंश 2)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "इस विशाल ब्रह्मांड में ऐसे कितने प्राणी हैं जो सृष्टि के नियम का बार-बार पालन करते हुए, एक ही निरंतर नियम पर चल रहे हैं और प्रजनन कार्य में लगे हैं। जो लोग मर जाते हैं वे जीवितों की कहानियों को अपने साथ ले जाते हैं और जो जीवित हैं वे मरे हुओं के वही त्रासदीपूर्ण इतिहास को दोहराते रहते हैं।

बुधवार, 8 अप्रैल 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का कार्य" (अंश 7)


परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का कार्य" (अंश 7)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "आप सभी को जानना होगा कि परमेश्वर के कार्य से मनुष्य के काम को कैसे अलग किया जाता है। आप मनुष्य के काम से क्या देख सकते हैं? मनुष्य के काम में मनुष्य के अनुभव के बहुत सारे तत्व होते हैं; मनुष्य जैसा अभिव्यक्त करता है वह वैसा ही होता है।

रविवार, 15 मार्च 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "केवल परमेश्वर के प्रबंधन के मध्य ही मनुष्य बचाया जा सकता है" (अंश 3) 

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं,"परमेश्वर के प्रबंधन का कार्य संसार की उत्पत्ति से प्रारम्भ हुआ था और मनुष्य उसके कार्य का मुख्य बिन्दु है। ऐसा कह सकते हैं कि परमेश्वर की सभी चीज़ों की सृष्टि, मनुष्य के लिए ही है।

गुरुवार, 12 मार्च 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" (अंश 2)


मानवता की नियति और विश्व की नियति सृष्टिकर्ता की संप्रभुता से अविभाज्य हैं

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "तुम सब सभी व्यस्क हो। तुम सबों में से कुछ अधेड़ उम्र के हैं; कुछ लोग वृद्धवस्था में प्रवेश कर चुके हैं। एक अविश्वासी से लेकर विश्वासी तक, और परमेश्वर में विश्वास की शुरुआत से लेकर परमेश्वर के वचन को ग्रहण करने और परमेश्वर के कार्यों का अनुभव करने तक, तुम लोगों के पास परमेश्वर की संप्रभुता का कितना ज्ञान है?

गुरुवार, 27 फ़रवरी 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" (अंश 8)


परमेश्वर की करुणा और सहनशीलता दुर्लभ नहीं है—मनुष्य का सच्चा पश्चाताप दुर्लभ है

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "इसके बावजूद कि परमेश्वर नीनवे के लोगों से कितना क्रोधित था, ज्यों ही उन्होंने उपवास की घोषणा की और टाट ओढ़कर राख पर बैठ गए, त्यों ही उसका हृदय धीरे-धीरे कोमल होता गया, और उसने अपना मन बदलना शुरू कर दिया। जब उसने उनके लिए घोषणा की कि वह उनके नगर को नष्ट कर देगा—अपने पापों के निमित्त उनके अंगीकार और पश्चाताप के कुछ समय पहले—परमेश्वर तब भी उन से क्रोधित था।

रविवार, 23 फ़रवरी 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" (अंश 5)

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" (अंश 5)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "नूह ने परमेश्वर के निर्देशों को स्वीकार किया और जहाज़ बनाया और उन दिनों के दौरान जीवित रहा जब परमेश्वर ने संसार का नाश करने के लिए जलप्रलय का उपयोग किया उसके पश्चात, आठ लोगों का उसका पूरा परिवार जीवित बच गयानूह के परिवार के आठ लोगों को छोड़कर, सारी मानवजाति का नाश कर दिया गया था, और पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों का नाश कर दिया गया था।

शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर और मनुष्य एक साथ विश्राम में प्रवेश करेंगे" (अंश 8)

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर और मनुष्य एक साथ विश्राम में प्रवेश करेंगे" (अंश 8)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "परमेश्वर ने मानवजाति का सृजन किया, उसे पृथ्वी पर रखा, और उसकी आज के दिन तक अगुआई की। उसने तब मानवजाति को बचाया और मानवजाति के लिये पापबली के रूप में कार्य किया।

रविवार, 16 फ़रवरी 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" (अंश 3)


"परमेश्वर का वचन" खंड अंत के दिनों में सभी मनुष्यों के लिए परमेश्वर के वचन को साझा करता है, जिससे ईसाईयों को परमेश्वर के बारे में अधिक जानने में मदद मिलती है।
परमेश्वर की मनुष्य से सही अपेक्षा और जो उनका अनुसरण करते हैं इस प्रकार हैं। परमेश्वर जो उसका अनुसरण करते हैं, उनसे पांच बातें चाहता हैः सही विश्वास, वफादार अनुकरण, पूर्ण आज्ञापालन, सच्चा ज्ञान और हृदय से आदर।

बुधवार, 5 फ़रवरी 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" (अंश 4)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, ""पर मैं तुम से कहता हूँ कि यहाँ वह है जो मन्दिर से भी बड़ा है। यदि तुम इसका अर्थ जानते, 'मैं दया से प्रसन्न होता हूँ, बलिदान से नहीं,' तो तुम निर्दोष को दोषी न ठहराते। मनुष्य का पुत्र तो सब्त के दिन का भी प्रभु है" (मत्ती 12: 6-8)।

शनिवार, 1 फ़रवरी 2020

गुरुवार, 30 जनवरी 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" (अंश 2)

परमेश्वर के दैनिक वचन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" (अंश 2)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "परमेश्वर वह है जो सभी चीज़ों पर राज्य करता है, और सभी चीज़ों का प्रबंधन करता है। जो कुछ है वह उसी ने रचा है, जो कुछ है उसकी व्यवस्था वही करता है और जो कुछ है उस पर वही राज्य करता है और सभी चीज़ें उसी के द्वारा पोषित होती हैं।

मंगलवार, 28 जनवरी 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर के स्वभाव और उसके कार्य के परिणाम को कैसे जानें" (अंश 5)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "परमेश्वर की मनोवृत्ति को समझना और परमेश्वर के विषय में सभी गलत अवधारणाओं को छोड़ देना यह परमेश्वर जिस पर तुम लोग वर्तमान में विश्वास करते हो, क्या तुम सब ने इसके विषय में कभी सोचा है कि यह किस प्रकार का परमेश्वर है?

बुधवार, 22 जनवरी 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" (अंश 5)



सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "यह वाक्य "मनुष्य का पुत्र तो सब्त के दिन का भी प्रभु है" लोगों को बताता है कि परमेश्वर का सब कुछ आध्यात्मिक है, और यद्यपि परमेश्वर तुम्हारी सारी भौतिक जरूरतों को पूरा कर सकता है, और जब एक बार तुम्हारी भौतिक आवश्यकताएँ पूरी कर दी जाती हैं, तो क्या इन चीज़ों की सन्तुष्टि तुम्हें सत्य की खोज के बदले हो सकती हैं? यह बिल्कुल भी संभव नहीं है!

सोमवार, 13 जनवरी 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" (अंश 1)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "परमेश्वर का स्वभाव सब के लिए खुला हुआ है और यह छिपा हुआ नहीं है, क्योंकि परमेश्वर ने जान-बूझकर कभी भी किसी व्यक्ति को दूर नहीं किया है और उसने कभी भी जान-बूझकर स्वयं को छिपाने का प्रयास नहीं किया है जिससे लोग उसे जानने या समझने के योग्य नहीं हो पाएँगे।

शनिवार, 11 जनवरी 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर के स्वभाव और उसके कार्य के परिणाम को कैसे जानें" (अंश 7)

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर के स्वभाव और उसके कार्य के परिणाम को कैसे जानें" (अंश 7)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "उससे परमेश्वर के समान व्यवहार करना ही परमेश्वर का भय मानने का आरम्भिक बिन्दु है किसी ने अभी-अभी एक प्रश्न उठाया था: ऐसा कैसे है कि हम अय्यूब की अपेक्षा परमेश्वर के बारे में अधिक जानते हैँ, फिर भी हम परमेश्वर का भय नहीं मान सकते हैं?

मंगलवार, 7 जनवरी 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" (अंश 14)


परमेश्वर के दैनिक वचन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" (अंश 14)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "सृष्टिकर्ता की पहचान अद्वितीय है, और तुम्हें बहुईश्वरवाद के विचार को श्रेय नहीं देना चाहिए यद्यपि मनुष्य की अपेक्षा शैतान की कुशलताएँ और योग्यताएँ कहीं बढ़कर हैं, यद्यपि वह ऐसी चीज़ें कर सकता है जिन्हें मनुष्य प्राप्त नहीं कर सकता है, फिर भी इसके बावजूद कि जो शैतान करता है उससे तुम ईर्ष्याकरते हो या उसकी आकांक्षा करते हो इसके बावजूद कि तुम उससे नफरत या घृणा करते हो, इसके बावजूद कि तुम उसे देखने में सक्षम हो या नहीं हो, और इसके बावजूद कि शैतान कितना हासिल कर सकता है, या वह कितने लोगों को उसकी आराधना करने में और उसे पवित्र मानने के लिए धोखा दे सकता है, और इसके बावजूद कि तुम इसे किस प्रकार परिभाषित करते हो, संभवतः तुम यह नहीं कह सकते हो कि उसके पास परमेश्वर का अधिकार और सामर्थ है।

रविवार, 5 जनवरी 2020

परमेश्वर के दैनिक वचन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" (अंश 15)



सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "यदि मनुष्य का हृदय परमेश्वर के साथ शत्रुता रखता है, तो वह कैसे परमेश्वर का भय मानकर बुराई से दूर रह सकता है जबकि आज के समय के लोग अय्यूब के समान मानवता को धारण नहीं करते हैं, तो उनके स्वभाव का मूल-तत्व क्या है, और परमेश्वर के प्रति उनकी मनोवृत्ति क्या है? क्या वे परमेश्वर का भय मानते हैं? क्या वे बुराई से दूर रहते हैं? ऐसे लोग जो परमेश्वर का भय नहीं मानते हैं और बुराई से दूर नहीं रहते हैं चार शब्दों में उनका सारांश निकला जा सकता हैः परमेश्वर के शत्रु हैं।

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