एक मात्र सच्चे परमेश्वर को "त्रिदेव या त्रिविध परमेश्वर" के रूप में वर्णित करना, परमेश्वर की अवहेलना और निंदा करना है।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मैं बताता हूँ कि वास्तव में, ब्रह्माण्ड में कहीं भी त्रित्व का अस्तित्व नहीं है। परमेश्वर के न पिता हैं और न पुत्र, पिता और पुत्र के द्वारा संयुक्त तौर पर उपयोग किया जाने वाले एक साधन: पवित्र-आत्मा, की परिकल्पना तो बिल्कुल नहीं है। यह सब बड़ा भ्रम है और संसार में इसका कोई अस्तित्व नहीं है! परन्तु इस प्रकार के भ्रम का अपना मूल है और यह पूरी तरह से बिना आधार के नहीं है, क्योंकि तुम लोगों की बुद्धि बहुत ही साधारण नहीं है और विचार बिना तर्क के नहीं हैं। बल्कि, वे काफी उपयुक्त और प्रवीण हैं, इतने कि किसी शैतान के द्वारा भी अभेद्य हैं। अफसोस यह है कि ये विचार बिल्कुल भ्रामक हैं और इनका अस्तित्व नहीं है!