चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ

(1)  सर्वशक्तिमान परमेश्वर की  कलीसिया  के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और  सर्वशक्तिमान परमेश्वर  की क...

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मंगलवार, 23 जुलाई 2019

मसीह के कथन "भ्रष्ट मानवजाति को देह धारण किए हुए परमेश्वर के उद्धार की अत्यधिक आवश्यकता है" (अंश IV)


मसीह के कथन "भ्रष्ट मानवजाति को देह धारण किए हुए परमेश्वर के उद्धार की अत्यधिक आवश्यकता है" (अंश IV)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "मनुष्य की देह की भ्रष्टता का न्याय करने के लिए देह में प्रकट परमेश्वर की तुलना में कोई भी अधिक उपयुक्त और योग्य नहीं है। यदि न्याय सीधे तौर पर परमेश्वर के आत्मा के द्वारा किया जाता, तो यह सर्वव्यापी नहीं होता। इसके अतिरिक्त, ऐसे कार्य को स्वीकार करना मनुष्य के लिए कठिन होता, क्योंकि पवित्रात्मा मनुष्य के आमने-सामने आने में असमर्थ है, और इस वजह से, प्रभाव तत्काल नहीं होते, और मनुष्य परमेश्वर के अपमान नहीं किए जाने योग्य स्वभाव को साफ-साफ देखने में बिलकुल भी सक्षम नहीं होता।

शुक्रवार, 1 मार्च 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - तेरहवाँ कथन"

कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - तेरहवाँ कथन"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "वास्तविक अनुभव के बिना, कोई मानव कभी भी मुझे नहीं जान पाएगा, मेरे वचनों के माध्यम से मुझे जानने में कभी भी समर्थ नहीं हो सकेगा। किन्तु आज मैं व्यक्तिगत रूप से तुम लोगों के बीच आया हूँ: क्या यह मुझे जानना तुम्हारे लिए सुगम नहीं बनाएगा? क्या ऐसा हो सकता है कि मेरा देहधारण भी तुम्हारे लिए उद्धार नहीं है? यदि मैं अपने व्यक्तित्व में मानवजाति में नहीं उतरा होता, तो सम्पूर्ण मानवजाति बहुत समय पूर्व धारणाओं के साथ से रिस गई होती, जिसका अर्थ है कि शैतान की सम्पत्ति बन गई होती, क्योंकि जो कुछ तुम विश्वास करते हो वह सिर्फ़ शैतान की छवि है और परमेश्वर स्वयं से उसका कुछ लेना-देना नहीं है। क्या यह मेरे द्वारा उद्धार नहीं है?"

मंगलवार, 5 फ़रवरी 2019

कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - सत्ताईसवाँ कथन"

कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - सत्ताईसवाँ कथन"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "मनुष्य से पृथक होने और फिर एक होने के आनन्द और दुःखों में, हम मनोभावों का आदान-प्रदान करने में असमर्थ होते है। ऊपर स्वर्ग और नीचे पृथ्वी पर पृथक हुए, मैं और मनुष्य नियमित रूप से मिलने में असमर्थ हैं। पूर्व की भावनाओं के विषाद से कौन मुक्त हो सकता है? कौन अतीत के बारे में स्मरण करने से अपने आप को रोक सकता है? कौन अतीत के मनोभावों की निरंतरता की आशा नहीं करेगा? कौन मेरी वापसी की अभिलाषा नहीं करेगा?

बुधवार, 21 नवंबर 2018

पवित्र आत्मा का वचन "तुम लोगों को अपने कार्यों पर विचार करना चाहिए"

पवित्र आत्मा का वचन "तुम लोगों को अपने कार्यों पर विचार करना चाहिए"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "अपने दैनिक जीवन में तुम लोग एक ऐसे वातावरण में रहते हो जिसमें कोई सत्य या भला एहसास नहीं है। तुम में अस्तित्व में बने रहने के लिए प्रधान वस्तु की कमी है और मुझे या सत्य को जानने के लिए तुम लोगों के पास आधार नहीं है। तुम्हारा विश्वास महज एक ऐसे अस्पष्ट भरोसे पर

या धार्मिक रीति-रिवाजों और ज्ञान के ऊपर बना हुआ है जो पूरी तरह सिद्धांतों पर टिका हुआ है। प्रतिदिन मैं तुम लोगों के क्रियाकलापों को देखता हूँ और तुम लोगों के इरादों और बुरे परिणामों की जाँच करता हूँ। मुझे कभी भी ऐसा कोई नहीं मिला जो सचमुच में अपना हृदय और अपनी आत्मा मेरी वेदी के ऊपर रखे, जिसे कभी हटाया न गया हो। इसलिए जिन्हें मैं ऐसी मानवजाति के ऊपर प्रकट करना चाहता हूँ, उन सभी वचनों को व्यर्थ में नहीं उण्डेलना चाहता।

शनिवार, 29 सितंबर 2018

पवित्र आत्मा के वचन "तुम्हें सत्य के लिए जीना चाहिए क्योंकि तुम्हें परमेश्वर में विश्वास है"

पवित्र आत्मा के वचन "तुम्हें सत्य के लिए जीना चाहिए क्योंकि तुम्हें परमेश्वर में विश्वास है"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर में विश्वास करना इतना आसान नहीं है जैसा कि मनुष्य कह सकता है। जैसे कि परमेश्वर इसे देखता है, यदि तुम्हारे पास सिर्फ़ ज्ञान है किन्तु जीवन के रूप में उसका वचन नहीं है; यदि तुम सिर्फ़ अपने स्वयं के ज्ञान तक ही सीमित हो परन्तु सत्य का अभ्यास नहीं कर सकते हो या परमेश्वर के वचन को जी नहीं सकते हो, तो तब भी यह प्रमाण है कि तुम्हारे पास परमेश्वर को प्रेम करने वाला हृदय नहीं है, और दर्शाता है कि तुम्हारा हृदय परमेश्वर से संबंधित नहीं है।

शुक्रवार, 28 सितंबर 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - सत्रहवाँ कथन"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - सत्रहवाँ कथन"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "सम्पूर्ण मानवजाति मेरे चेहरे को देखने की लालसा करती है, परन्तु जब मैं पृथ्वी पर व्यक्तिगत रूप से उतरता हूँ, तो वे सब मेरे आगमन के विरुद्ध हो जाते हैं, वे सभी रोशनी को आने से भगा देते हैं, मानो कि मैं स्वर्ग में मनुष्यों का शत्रु हूँ। मनुष्य अपनी आँखों में एक रक्षात्मक रोशनी के साथ मेरा स्वागत करता है और इस बात से गहराई से भयभीत होकर कि मेरे पास उसके लिए कुछ अन्य योजनाएँ हो सकती हैं, हमेशा सतर्क बना रहता है।

शुक्रवार, 21 सितंबर 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "तुझे अपने भविष्य मिशन से कैसे निपटना चाहिए"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "तुझे अपने भविष्य मिशन से कैसे निपटना चाहिए"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "क्या तूने कभी सोचा है कि परमेश्वर का हृदय कितना व्याकुल और चिंतित है? जिसे उसने अपने हाथों से रचा उस निर्दोष मानव जाति को ऐसी पीड़ा में दुख उठाते हुए देखकर वह कैसे सह सकता है? वैसे भी मानव जाति तो वह दुर्भाग्यशाली है जिस पर विष प्रयोग किया गया है। यद्यपि वे आज के दिन तक जीवित हैं, कौन यह सोच सकता था कि उन्हें लंबे समय से उस दुष्टात्मा द्वारा विष दिया गया है?

गुरुवार, 20 सितंबर 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "विश्वासियों को क्या दृष्टिकोण रखना चाहिए"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "विश्वासियों को क्या दृष्टिकोण रखना चाहिए"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "बीते समयों में, अनेक लोग मनुष्य की महत्वाकांक्षा और धारणाओं के साथ मनुष्य की आशाओं के लिए आगे बढ़े। अब इन मामलों पर चर्चा नहीं की जाएगी। कुंजी है अभ्यास का ऐसा ढंग खोजना जो तुम में से हर एक को परमेश्वर के सम्मुख एक सामान्य स्थिति बनाये रखने और धीरे-धीरे शैतान के प्रभाव की बेड़ियों को तोड़ डालने में सक्षम करे, ताकि तुम परमेश्वर को प्राप्त हो सको और पृथ्वी पर वैसे जियो जैसे परमेश्वर तुमसे चाहता है। केवल इसी से परमेश्वर की इच्छा पूरी हो सकती है।

रविवार, 16 सितंबर 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "पतरस ने यीशु को कैसे जाना"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "पतरस ने यीशु को कैसे जाना"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "तुम लोगों को उस मार्ग के बारे में स्पष्ट होना चाहिए जिस पर तुम लोग चलते हो; तुम लोगों को उस मार्ग के बारे में जिसे तुम भविष्य में लोगे, और इस बारे में कि यह क्या है जिसे परमेश्वर पूर्ण बनाएगा, और तुम्हें क्या सौंपा गया है, स्पष्ट होना चाहिए। एक दिन, शायद, तुम लोगों की परीक्षा ली जाएगी, और तब यदि तुम लोग पतरस के अनुभवों से प्रेरणा प्राप्त करने में समर्थ होगे, तो यह इस बात को दर्शाएगा कि तुम लोग वास्तव में पतरस के मार्ग पर चल रहे हो।

शनिवार, 11 अगस्त 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "पद नामों एवं पहचान के सम्बन्ध में" (भाग एक)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "पद नामों एवं पहचान के सम्बन्ध में" (भाग एक)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "यीशु ने परमेश्वर के आत्मा का प्रतिनिधित्व किया था, और वह परमेश्वर का आत्मा था जो सीधे तौर पर कार्य कर रहा था। उसने नये युग का कार्य किया था, ऐसा कार्य जिसे पहले कभी किसी ने नहीं किया था। उसने एक नया मार्ग खोला था, उसने यहोवा का प्रतिनिधित्व किया था, और उसने स्वयं परमेश्वर का प्रतिनिधित्व किया था।

सोमवार, 6 अगस्त 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर की इच्छा की समरसता में सेवा कैसे करें"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर की इच्छा की समरसता में सेवा कैसे करें"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "यदि तुम लोग परमेश्वर की इच्छा की सेवा करना चाहते हो, तो तुम लोगों को पहले यह अवश्य समझना चाहिए कि किस प्रकार के लोगों को परमेश्वर प्यार करता है, किस प्रकार के लोगों से परमेश्वर घृणा करता है, किस प्रकार के लोग परमेश्वर के द्वारा पूर्ण बनाए जाते हैं, और किस प्रकार के लोग परमेश्वर की सेवा करने के लिए योग्य होते हैं।

शुक्रवार, 3 अगस्त 2018

जो सच्चे हृदय से परमेश्वर के आज्ञाकारी हैं वे निश्चित रूप से परमेश्वर के द्वारा ग्रहण किए जाएँगे

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "जो सच्चे हृदय से परमेश्वर के आज्ञाकारी हैं वे निश्चित रूप से परमेश्वर के द्वारा ग्रहण किए जाएँगे"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "पवित्र आत्मा का कार्य दिन ब दिन बदलता जाता है, हर एक कदम के साथ ऊँचा उठता जाता है; आने वाले कल का प्रकाशन आज से भी कहीं ज़्यादा ऊँचा होता है, कदम दर कदम और ऊपर चढ़ता जाता है।

गुरुवार, 2 अगस्त 2018

मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II भाग सात के क्रम में"

मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II भाग सात के क्रम में" 

इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट होता है" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री: परमेश्वर के परीक्षणों के बारे में कोई गलतफहमी नहीं रखो वे जो परमेश्वर का भय मानते और बुराई से दूर रहते हैं उन्हें परमेश्वर के द्वारा स्नेह से देखा जाता है, जबकि ऐसे लोग जो मूर्ख हैं उन्हें परमेश्वर के द्वारा नीची दृष्टि से देखा जाता है परमेश्वर अय्यूब को अधिकार प्रदान करता है अय्यूब को एक बार फिर से परमेश्वर के द्वारा आशीषित किया जाता है, और फिर कभी शैतान के द्वारा उस पर आरोप नहीं लगा गया

बुधवार, 1 अगस्त 2018

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" (भाग सात)

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" (भाग सात)

इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट होता है" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री: परमेश्वर के परीक्षणों के बारे में कोई गलतफहमी नहीं रखो वे जो परमेश्वर का भय मानते और बुराई से दूर रहते हैं उन्हें परमेश्वर के द्वारा स्नेह से देखा जाता है, जबकि ऐसे लोग जो मूर्ख हैं उन्हें परमेश्वर के द्वारा नीची दृष्टि से देखा जाता है परमेश्वर अय्यूब को अधिकार प्रदान करता है अय्यूब को एक बार फिर से परमेश्वर के द्वारा आशीषित किया जाता है, और फिर कभी शैतान के द्वारा उस पर आरोप नहीं लगा गया अय्यूब ने अपना बाकी का आधा जीवन परमेश्वर की आशीषों के मध्य बिताया अपने जीवनकाल के दौरान अय्यूब के द्वारा उस मूल्य का जीवन बिताया गया व्यवस्था के युग की रीति विधियां समूची मानवजाति के निर्देशन के विषय में वास्तविक प्रमाण हैं मानवजाति परमेश्वर की शिक्षाओं एवं प्रावधानों से हमेशा के लिए अलग नहीं हो सकता है

रविवार, 29 जुलाई 2018

The Word of the Holy Spirit | परमेश्वर के कथन "क्या तुम परमेश्वर के एक सच्चे विश्वासी हो?" (Hindi)

The Word of the Holy Spirit | परमेश्वर के कथन "क्या तुम परमेश्वर के एक सच्चे विश्वासी हो?" (Hindi)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "तुम लोग केवल स्वर्ग के अनदेखे परमेश्वर को चाहते हो और भय मानते हो और धरती पर जीते-जागते मसीह के लिए कोई सम्मान नहीं है। क्या यह भी तुम्हारा अविश्वास नहीं है? तुम सब केवल अतीत में कार्य करने वाले परमेश्वर के लिए लालायित रहते हो परन्तु आज के मसीह का सामना तक नहीं करते।

शनिवार, 28 जुलाई 2018

Warnings of the Last Days From God | "देहधारियों में से कोई भी कोप के दिन से नहीं बच सकता है"(Hindi)

Warnings of the Last Days From God | "देहधारियों में से कोई भी कोप के दिन से नहीं बच सकता है"(Hindi)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "मैं तुम लोगों को सत्य कहता हूँ: मेरी सहनशीलता तुम लोगों की बुरी करतूतों के लिए तैयार थी, और उस दिन पर तुम लोगों की ताड़ना के लिए विद्यमान है। एक बार जब मैं अपनी सहनशीलता के अंत में पहुँच गया तो क्या तुम लोग वह नहीं होंगे जो कुपित न्याय को भुगतोगे।

शुक्रवार, 27 जुलाई 2018

परमेश्वर के कथन "तुम विश्वास के विषय में क्या जानते हो?" What Is True Faith in God?(Hindi)

परमेश्वर के कथन "तुम विश्वास के विषय में क्या जानते हो?" What Is True Faith in God?(Hindi)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "इसलिए मैं कहता हूँ कि मनुष्य मुझ पर विश्वास करता है क्योंकि मैं बहुत अनुग्रह रखता हूँ, और प्राप्त करने के लिए और भी बहुत कुछ है। मेरे अनुग्रह के कारण यहूदी मुझ पर विश्वास करते थे, और जहाँ कहीं मैं जाता था मेरा अनुसरण करते थे।

गुरुवार, 26 जुलाई 2018

मनुष्य के सामान्य जीवन को पुनःस्थापित करना और उसे एक बेहतरीन मंज़िल पर ले चलना (भाग दो)

मनुष्य के सामान्य जीवन को पुनःस्थापित करना और उसे एक बेहतरीन मंज़िल पर ले चलना (भाग दो)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "जब एक बार विजय के कार्य को पूरा कर लिया जाता है, तब मनुष्य को एक सुन्दर संसार में पहुंचाया जाएगा। निश्चित रूप से, यह जीवन तब भी पृथ्वी पर ही होगा, परन्तु यह मनुष्य के आज के जीवन से पूरी तरह से भिन्न होगा।

सोमवार, 23 जुलाई 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन "तुम्हें पता होना चाहिए कि समस्त मानवजाति आज के दिन तक कैसे विकसित हुई" भाग एक

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन "तुम्हें पता होना चाहिए कि समस्त मानवजाति आज के दिन तक कैसे विकसित हुई" भाग एक


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "उसका समस्त कार्य सर्वाधिक वास्तविक कार्य है। वह समयों के विकास के अनुसार अपने कार्य को सम्पन्न करता है, और वह अपना सबसे अधिक वास्तविक कार्य चीज़ों के परिवर्तनों के अनुसार करता है। उसके लिए, कार्य को सम्पन्न करना किसी बीमारी के लिए दवा देने के सदृश है;

बुधवार, 18 जुलाई 2018

मनुष्य के सामान्य जीवन को पुनःस्थापित करना और उसे एक बेहतरीन मंज़िल पर ले चलना (भाग एक)

मनुष्य के सामान्य जीवन को पुनःस्थापित करना और उसे एक बेहतरीन मंज़िल पर ले चलना (भाग एक)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "जब एक बार विजय के कार्य को पूरा कर लिया जाता है, तब मनुष्य को एक सुन्दर संसार में पहुंचाया जाएगा। निश्चित रूप से, यह जीवन तब भी पृथ्वी पर ही होगा, परन्तु यह मनुष्य के आज के जीवन से पूरी तरह से भिन्न होगा।

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