सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "जब प्रभु यीशु मसीह आया, तो उसने लोगों से बात करने के लिए अपने व्यावहारिक कार्यों का प्रयोग कियाः परमेश्वर ने व्यवस्था के युग को अलविदा किया और नए कार्य का प्रारम्भ किया, और इस नए कार्य को सब्त का पालन करने की जरूरत नहीं थी; जब परमेश्वर सब्त के दिन की सीमाओं से बाहर आ गया, तो यह उसके नए कार्य का बस एक पूर्वानुभव था, और सचमुच में उसका महान कार्य लगातार जारी रहने वाला था।
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।
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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ
(1) सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की क...
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शनिवार, 4 जनवरी 2020
शुक्रवार, 22 नवंबर 2019
अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IV परमेश्वर की पवित्रता I" भाग एक
अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IV परमेश्वर की पवित्रता I" भाग एक
आज हमारे पास परमेश्वर के अधिकार की अतिरिक्त संगति है, और हम फिलहाल अभी परमेश्वर की धार्मिकता के बारे में बात नहीं करेंगे। आज हम बिल्कुल ही एक नए विषय के बारे में बात करेंगे—परमेश्वर की पवित्रता। परमेश्वर की पवित्रता परमेश्वर के अद्वितीय सार का एक और पहलू है, अतः यहाँ इस विषय पर संगति करने की अत्यधिक आवश्यकता है।
शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2019
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "केवल वही जो परमेश्वर को जानते हैं, उसकी गवाही दे सकते हैं"
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "केवल वही जो परमेश्वर को जानते हैं, उसकी गवाही दे सकते हैं"
परमेश्वर में विश्वास करना और परमेश्वर को जानना स्वर्ग का नियम और पृथ्वी का सिद्धांत है, और आज—ऐसे युग के दौरान जब देहधारी परमेश्वर व्यक्तिगत रूप से अपना कार्य कर रहा है—परमेश्वर को जानने का विशेष रूप से अच्छा समय है।परमेश्वर को संतुष्ट करना कुछ ऐसा है, जिसे परमेश्वर की इच्छा को समझने की नींव पर बना कर प्राप्त किया जाता है, और परमेश्वर की इच्छा को समझने के लिए, परमेश्वर का कुछ ज्ञान रखना आवश्यक है।
बुधवार, 16 अक्टूबर 2019
अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर के स्वभाव और उसके कार्य के परिणाम को कैसे जानें" (भाग दो)
अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर के स्वभाव और उसके कार्य के परिणाम को कैसे जानें" (भाग दो)
सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "एक कहावत है जिस पर तुम सब को ध्यान देना चाहिए। मेरा मानना है कि यह कहावत अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मेरे मन में हर दिन अनगिनत बार आती है।
बुधवार, 9 अक्टूबर 2019
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - उन्नीसवाँ कथन"
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - उन्नीसवाँ कथन"
मानवजाति का मुख्य कार्य यह है कि वह अपने अस्तित्व के आधार के लिए मेरे वचनों को ग्रहण करे। मनुष्य को मेरे कथन के प्रत्येक भाग को अपने व्यक्तिगत हिस्से में स्थापित करना ही होगा; यदि वह ऐसा नहीं करता है तो वह अपने ऊपर संकट को निमंत्रण देता है और अपना ही नाश खोज रहा है।
शनिवार, 13 जुलाई 2019
मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V परमेश्वर की पवित्रता (II)" (भाग तीन के क्रम में)
मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V परमेश्वर की पवित्रता (II)" (भाग तीन के क्रम में)
इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट होता है" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री:
1. कैसे शैतान मनुष्य को भ्रष्ट करने के लिए ज्ञान का उपयोग करता है
2. कैसे शैतान मनुष्य को भ्रष्ट करने में विज्ञान का उपयोग करता है
3. कैसे शैतान मनुष्य को भ्रष्ट करने के लिए पारम्परिक संस्कृति का उपयोग करता है
4. कैसे शैतान मनुष्य को भ्रष्ट करने के लिए अंधविश्वास का उपयोग करता है
सोमवार, 24 जून 2019
Hindi Christian Movie "बदलाव की घड़ी" क्लिप 1 - बुदिमान कुंवारियां किस प्रकार स्वर्गारोहित होती हैं?
Hindi Christian Movie "बदलाव की घड़ी" क्लिप 1 - बुदिमान कुंवारियां किस प्रकार स्वर्गारोहित होती हैं?
कुछ लोग स्वर्ग के राज्य में आरोहित होने के लिए प्रभु की प्रतीक्षा करने के मामले पर पौलुस के कथन पर चलते हैं: "और यह क्षण भर में, पलक मारते ही अन्तिम तुरही फूँकते ही होगा, क्योंकि तुरही फूँकी जाएगी और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाये जाएँगे, और हम बदल जाएँगे।" (1 कुरिन्थियों 15:52)। (© BSI) वे मानते हैं कि हालांकि पापी प्रवृत्ति के बंधन को तोड़े बिना हम अब भी निरंतर पाप करते रहते हैं, फिर भी प्रभु अपने आने पर हमारी छवियों को उसी पल बदल कर हमें स्वर्ग के राज्य में ले आयेंगे।
गुरुवार, 23 मई 2019
विवाह को बचाने का रहस्य (भाग 2) - सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने मेरे विवाह को बचाया
ली क्वान
बहरहाल, जब मैंने अपनी पत्नी के साथ सुसमाचार को साझा किया, तो उसने इसे स्वीकार नहीं किया। फिर, मैंने कलीसिया के भाई-बहनों से कहा कि वे आएँ और मेरी पत्नी के साथ सुसमाचार को साझा करें, लेकिन वह अभी भी सुनने की इच्छुक नहीं थी और वह उन्हें मेहमानों के रूप में भी नहीं चाहती थी।
सोमवार, 20 मई 2019
जीवन एक पतली सी डोर से लटका हुआ था, बचाव के लिए परमेश्वर का हाथ आया
लिंग वू, जापान
"अगर मुझे परमेश्वर ने बचाया नहीं होता, तो मैं अभी भी इस संसार में भटक रहा होता,
पाप से घोर संघर्ष करता हुआ और दर्द में; प्रत्येक दिन अंधकारमय और आशाहीन होता हुआ।
रविवार, 19 मई 2019
विवाह को बचाने का रहस्य (भाग 1) - सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने मेरे विवाह को बचाया
ली क्वान
जब मैं छोटा था, मेरी माँ और मेरे पिताजी के बीच अक्सर बहस होती थी, और मेरी माँ को अक्सर मेरे पिता के हाथों मार और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। माँ ने अपने दिल में इतना मालिन्य भर लिया कि वह काफ़ी छोटी ही गुज़र गईं। उसके बाद मैंने खुद से वादा किया: जब मैं बड़ा हो जाऊँगा और एक परिवार को शुरू करूँगा, तो मैं अपनी पत्नी के साथ अच्छा व्यवहार करूँगा और एक प्रसन्न और शांत परिवार का सर्जन करूँगा। मैं अपने माता-पिता के विवाह की असफलताओं को नहीं दोहराऊँगा।
गुरुवार, 16 मई 2019
म ये कैसे निश्चित कर सकते हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन परमेश्वर की वाणी हैं, कि प्रभु कार्य करने को प्रकट हुए हैं?
बाइबल के प्रासंगिक पद:
"परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा" (यूहन्ना 16:13)।
"जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है" (प्रकाशितवाक्य 2:3)।
"मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं; मैं उन्हें जानता हूँ, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं" (यूहन्ना 10:27)।
रविवार, 12 मई 2019
जब प्रभु प्रकट होंगे तो क्या यह निश्चित है कि वे धार्मिक जगत के सामने प्रकट होंगे? क्या कलीसिया में बने रहने का मतलब प्रभु का स्वागत कर पाना है?
बाइबल के प्रासंगिक पद:
"क्या यह नहीं लिखा है कि मेरा घर सब जातियों के लिये प्रार्थना का घर कहलाएगा? पर तुम ने इसे डाकुओं की खोह बना दी है" (मरकुस 11:17)।
"ये लोग होठों से तो मेरा आदर करते हैं, पर उनका मन मुझ से दूर रहता है। और ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं, क्योंकि मनुष्यों की विधियों को धर्मोपदेश करके सिखाते हैं। ...उन को जाने दो; वे अंधे मार्गदर्शक हैं और अंधा यदि अंधे को मार्ग दिखाए, तो दोनों ही गड़हे में गिर पड़ेंगे" (मत्ती 15:8-9,14)।
शनिवार, 11 मई 2019
हमें सावधान रहते हुए कैसे प्रतीक्षा करनी चाहिए कि हम उनके प्रकटन का स्वागत कर सकें?
बाइबल के प्रासंगिक पद:
"माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा" (मत्ती 7:7)।
"जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है" (प्रकाशितवाक्य 2:7)।
रविवार, 5 मई 2019
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन से, मुझे अपनी जिंदगी की दिशा मिली
नोवो फिलिपीन्स
मेरा नाम नोवो है, मैं फिलिपिनो हूं। जब मैं छोटा था तो मुझे अपनी मां से परमेश्वर पर विश्वास मिला। मैं अपने भाई-बहनों के साथ धर्मोपदेश सुनने कलीसिया जाया करता था। भले ही मैं सालों से परमेश्वर पर विश्वास करता आ रहा था, लेकिन मुझे लगा कि मैं एक नास्तिक की तरह था। अपने दिल से, मैं पूरे दिन यह सोचने लगा था कि कैसे ज्यादा धन कमाया जाए और बेहतर जिंदगी जी जाए।
रविवार, 28 अप्रैल 2019
40. अच्छे कर्म क्या हैं? अच्छे कर्मों की अभिव्यक्तियाँ क्या हैं?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यदि तुम सत्य को धारण करते हो, तो तुम परमेश्वर का अनुसरण कर सकते हो। यदि तुम जीवन जीते हो, तो तुम परमेश्वर के वचन की अभिव्यक्ति हो सकते हो। यदि तुम्हारे पास जीवन है तो तुम परमेश्वर की आशीषों का आनन्द ले सकते हो। जो लोग सत्य को धारण करते हैं वे परमेश्वर के आशीष का आनन्द ले सकते हैं। परमेश्वर उनके कष्टों का निवारण सुनिश्चित करता है जो उसे सम्पूर्ण हृदय से प्रेम करते हैं और साथ ही कठिनाईयों और पीड़ाओं को सहते हैं, उनके नहीं जो केवल अपने आप से प्रेम करते हैं और शैतान के धोखों का शिकार हो चुके हैं।
यदि तुम सत्य को धारण करते हो, तो तुम परमेश्वर का अनुसरण कर सकते हो। यदि तुम जीवन जीते हो, तो तुम परमेश्वर के वचन की अभिव्यक्ति हो सकते हो। यदि तुम्हारे पास जीवन है तो तुम परमेश्वर की आशीषों का आनन्द ले सकते हो। जो लोग सत्य को धारण करते हैं वे परमेश्वर के आशीष का आनन्द ले सकते हैं। परमेश्वर उनके कष्टों का निवारण सुनिश्चित करता है जो उसे सम्पूर्ण हृदय से प्रेम करते हैं और साथ ही कठिनाईयों और पीड़ाओं को सहते हैं, उनके नहीं जो केवल अपने आप से प्रेम करते हैं और शैतान के धोखों का शिकार हो चुके हैं।
शुक्रवार, 26 अप्रैल 2019
अंत के दिनों में, परमेश्वर मुख्य रूप से सत्य व्यक्त करते हैं और परमेश्वर के घर से आरम्भ करके न्याय का कार्य करते हैंI केवल परमेश्वर के अंत के दिनों के न्याय, ताड़ना, परीक्षण और शुद्धिकरण की प्रक्रिया से गुज़रना, साथ ही साथ परमेश्वर द्वारा शुद्ध और पूर्ण किया जाना, आखिरकार सच्चाई को अपने वास्तविक जीवन के रूप में प्राप्त करना, वास्तव में प्रभु के साथ भोज में शामिल होना हैI
संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:
"यह लिख, कि धन्य वे हैं, जो मेम्ने के विवाह के भोज में बुलाए गए हैं" (प्रकाशितवाक्य 19:9)।
"आत्मा और दुल्हिन दोनों कहती हैं, "आ!" और सुननेवाला भी कहे, "आ!" जो प्यासा हो वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले" (प्रकाशितवाक्य 22:17)।
गुरुवार, 25 अप्रैल 2019
कुछ लोग पूछते हैं: "प्रभु यीशु ने पहले ही हमारे पापों को क्षमा कर दिया है और अब हमें पापी के रूप में नहीं देखते हैंI हमें परमेश्वर के अंत के दिनों के न्याय और शुद्धिकरण के कार्य को स्वीकार करने की आवश्यकता नहीं हैI जब प्रभु लौटेंगे हम सीधे स्वर्ग के राज्य में स्वर्गारोहित किये जा सकते हैं और प्रभु के साथ भोज में शामिल हो सकते हैंI क्या यह सही नहीं है?"
संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:
"मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा" (यूहन्ना 16:12-13)।
बुधवार, 24 अप्रैल 2019
प्रभु ने स्पष्ट रूप से भविष्यवाणी की: "देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ" (प्रकाशितवाक्य 3:20)। ये स्पष्ट है कि जब प्रभु लौटेंगे वे अपने वचन बोलेंगे और उच्चारित करेंगे, और वे सभी जो परमेश्वर की आवाज़ सुनते हैं और प्रभु का स्वागत करते हैं परमेश्वर के सामने स्वर्गारोहित होंगे और आपदा से पहले प्रभु के साथ भोज में शामिल होंगेI
संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:
"तुम भी तैयार रहो; क्योंकि जिस घड़ी तुम सोचते भी नहीं, उसी घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा" (लूका 12:40)।
"मैं चोर के समान आता हूँ" (प्रकाशितवाक्य 16:15)।
मंगलवार, 2 अप्रैल 2019
1. परमेश्वर की इच्छा का अनुसरण करना क्या है? अगर कोई केवल प्रभु के लिए मिशनरी (धर्म-प्रचार सम्बन्धी) काम करता है, तो क्या यह परमेश्वर की इच्छा का पालन करना है?
1. परमेश्वर की इच्छा का अनुसरण करना क्या है? अगर कोई केवल प्रभु के लिए मिशनरी (धर्म-प्रचार सम्बन्धी) काम करता है, तो क्या यह परमेश्वर की इच्छा का पालन करना है?
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"जो मुझ से, 'हे प्रभु! हे प्रभु!' कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है। उस दिन बहुत से लोग मुझ से कहेंगे, 'हे प्रभु, हे प्रभु, क्या हम ने तेरे नाम से भविष्यद्वाणी नहीं की, और तेरे नाम से दुष्टात्माओं को नहीं निकाला, और तेरे नाम से बहुत से आश्चर्यकर्म नहीं किए?' तब मैं उनसे खुलकर कह दूँगा, 'मैं ने तुम को कभी नहीं जाना। हे कुकर्म करनेवालो, मेरे पास से चले जाओ" (मत्ती 7:21-23)।
"तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख। बड़ी और मुख्य आज्ञा तो यही है। और उसी के समान यह दूसरी भी है कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।" (मत्ती 22:37-39)।
सोमवार, 18 मार्च 2019
3. अंतिम दिनों में परमेश्वर के द्वारा व्यक्त सच्चाई मनुष्य को शुद्ध करने, उसे परिपूर्ण करने और उसका जीवन बन जाने में सक्षम क्यों है?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जीवन का मार्ग कोई साधारण चीज़ नहीं है जो चाहे कोई भी प्राप्त कर ले, न ही इसे सभी के द्वारा आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। यह इसलिए कि जीवन केवल परमेश्वर से ही आता है, कहने का अर्थ है कि केवल स्वयं परमेश्वर ही जीवन के तत्व का अधिकारी है, स्वयं परमेश्वर के बिना जीवन का मार्ग नहीं है, और इसलिए केवल परमेश्वर ही जीवन का स्रोत है, और जीवन के जल का सदा बहने वाला सोता है। जब से उसने संसार को रचा है, परमेश्वर ने बहुत सा कार्य जीवन को महत्वपूर्ण बनाने के लिये किया है, बहुत सारा कार्य मनुष्य को जीवन प्रदान करने के लिए किया है और बहुत अधिक मूल्य चुकाया है ताकि मनुष्य जीवन को प्राप्त करे, क्योंकि परमेश्वर स्वयं ही अनन्त जीवन है, और वह स्वयं ही वह मार्ग है जिससे मनुष्य नया जन्म लेता है।
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"जो जय पाए उसे मैं अपने परमेश्वर के मन्दिर में एक खंभा बनाऊँगा, और वह फिर कभी बाहर न निकलेगा; और मैं अपने परमेश्वर का नाम और अपने...