चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ

(1)  सर्वशक्तिमान परमेश्वर की  कलीसिया  के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और  सर्वशक्तिमान परमेश्वर  की क...

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सोमवार, 18 मार्च 2019

3. अंतिम दिनों में परमेश्वर के द्वारा व्यक्त सच्चाई मनुष्य को शुद्ध करने, उसे परिपूर्ण करने और उसका जीवन बन जाने में सक्षम क्यों है?

अंतिम दिनों के मसीह, परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, परमेश्वर के वचन
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जीवन का मार्ग कोई साधारण चीज़ नहीं है जो चाहे कोई भी प्राप्त कर ले, न ही इसे सभी के द्वारा आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। यह इसलिए कि जीवन केवल परमेश्वर से ही आता है, कहने का अर्थ है कि केवल स्वयं परमेश्वर ही जीवन के तत्व का अधिकारी है, स्वयं परमेश्वर के बिना जीवन का मार्ग नहीं है, और इसलिए केवल परमेश्वर ही जीवन का स्रोत है, और जीवन के जल का सदा बहने वाला सोता है। जब से उसने संसार को रचा है, परमेश्वर ने बहुत सा कार्य जीवन को महत्वपूर्ण बनाने के लिये किया है, बहुत सारा कार्य मनुष्य को जीवन प्रदान करने के लिए किया है और बहुत अधिक मूल्य चुकाया है ताकि मनुष्य जीवन को प्राप्त करे, क्योंकि परमेश्वर स्वयं ही अनन्त जीवन है, और वह स्वयं ही वह मार्ग है जिससे मनुष्य नया जन्म लेता है।

गुरुवार, 8 नवंबर 2018

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?

अंतिम दिनों के मसीह, परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, परमेश्वर को जानना

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
आदि में वचन था, और वचन परमेश्‍वर के साथ था, और वचन परमेश्‍वर था। यही आदि में परमेश्‍वर के साथ था” (युहन्ना 1:1-2)।
“और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा” (युहन्ना 1:14)।

शुक्रवार, 22 जून 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर अपनी 6,000 वर्षों कीप्रबंधन योजना के रहस्यों को प्रकट करते हैं।

सर्वशक्तिमान परमेश्वर अपनी 6,000 वर्षों कीप्रबंधन योजना के रहस्यों को प्रकट करते हैं।

प्रभु यीशु ने स्वर्ग के साम्राज्य के रहस्यों को प्रकट किया, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर मानवजाति के बारे में परमेश्वर के 6,000-वर्षीय प्रबंधन के सभी रहस्यों को उजागर करने आए!

"प्रतीक्षारत"(5) – हम परमेश्वर की वाणी को अलग से कैसे पहचान सकते हैं? (2)

"प्रतीक्षारत"(5) – हम परमेश्वर की वाणी को अलग से कैसे पहचान सकते हैं? (2)


"जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है" (प्रकाशित वाक्य 2:29)। क्या आपने पवित्र आत्मा को कलीसियाओं से बात करते सुना है? क्या सर्वशक्तिमान परमेश्वर और प्रभु यीशु द्वारा कहे गए वचन एक ही आत्मा, एक ही स्रोत से बोले गए हैं? इस मूवी क्लिप से आपको इस बात का खुलासा हो जाएगा!

गुरुवार, 21 जून 2018

"प्रतीक्षारत"(5) – हम परमेश्वर की वाणी को अलग से कैसे पहचान सकते हैं? (1)

"प्रतीक्षारत"(5) – हम परमेश्वर की वाणी को अलग से कैसे पहचान सकते हैं? (1)


"जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसिया ओं से क्या कहता है" (प्रकाशित वाक्य 2:29)। क्या आपने पवित्र आत्मा को कलीसियाओं से बात करते सुना है? क्या सर्वशक्तिमान परमेश्वर और प्रभु यीशु द्वारा कहे गए वचन एक ही आत्मा, एक ही स्रोत से बोले गए हैं? इस मूवी क्लिप से आपको इस बात का खुलासा हो जाएगा!

"प्रतीक्षारत"(4) – उन लोगों का अंत जो प्रभु के दूसरे आगमन का प्रतिरोध करते हैं


"प्रतीक्षारत"(4) – उन लोगों का अंत जो प्रभु के दूसरे आगमन का प्रतिरोध करते हैं


वह भला कैसे प्रभु को प्रकट होते देख सकता है और उसके बावजूद प्रभु के दूसरे आगमन से इन्कार कर सकता है? यह कैसे हो सकता है कि वह हमेशा प्रभु के आगमन का ध्यान रखे और प्रतीक्षा करे, किन्तु अपनी मृत्यु के समय अपने पीछे जीवन भर का पछतावा छोड़ जाए? इस मूवी क्लिप में आपको इसका उत्तर मिलेगा।

बुधवार, 20 जून 2018

केवल वे ही लोग स्वर्ग के साम्राज्य में प्रवेश करने योग्य हैं जो परमेश्वर की इच्छा का पालन करेंगे।

केवल वे ही लोग स्वर्ग के साम्राज्य में प्रवेश करने योग्य हैं जो परमेश्वर की इच्छा का पालन करेंगे।


स्वर्ग के साम्राज्य में किस तरह के व्यक्ति का आरोहणहोगा? प्रभु यीशु ने कहा है: "जो मुझसे,‘हे प्रभु! हे प्रभु! कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है" (मत्ती 7:21)।

"प्रतीक्षारत"(2) – चतुर कुंवारी "सच्चे मसीह" और "झूठे मसीहों" के बीच अन्तर कर सकती है

"प्रतीक्षारत"(2) – चतुर कुंवारी "सच्चे मसीह" और "झूठे मसीहों" के बीच अन्तर कर सकती है


प्रभु के दूसरे आगमन का सामना होने पर, क्या आप झूठे मसीहों से इतने भयभीत हो जाएंगे कि आप अपनी रक्षा के लिए द्वार ही बंद कर लेंगे और प्रभु के प्रकटन की प्रतीक्षा करेंगे, या आप चतुर कुंवारी की तरह आचरण करेंगे, और परमेश्वर की वाणी पर ध्यान देंगे और प्रभु की वापसी का अभिनंदन करेंगे? इस वीडियो में आपको यह बताया जाएगा कि प्रभु के दूसरे आगमन का स्वागत कैसे करें।

मंगलवार, 19 जून 2018

"प्रतीक्षारत"(1) – प्रभु के दूसरे आगमन के लिए हमें कैसे देखनी और प्रतीक्षा करनी चाहिए?

"प्रतीक्षारत"(1) – प्रभु के दूसरे आगमन के लिए हमें कैसे देखनी और प्रतीक्षा करनी चाहिए?


जब प्रभु दूसरी बार आएंगे तो क्या वे बादलों से अवतरित होंगे, या क्या वे एक चोर की तरह चुपके से आएंगे? आप प्रभु के दूसरे आगमन का सामना कैसे करेंगे? क्या आप किसी झूठे मसीह द्वारा बहकाए जाने को लेकर इतने अधिक भयभीत रहेंगे कि ’उनकी’ तलाश करने से ही अस्वीकार कर देंगे, या फिर आप एक चतुर कुंवारी की तरह आचरण करेंगे और परमेश्वर की वाणी पर सावधानीपूर्वक ध्यान देंगे? हमें किस तरह “देखनी और प्रतीक्षा करनी” चाहिए कि प्रभु का आगमन होने पर हम उनका स्वागत कर सकेंगे? देखिए यह संक्षिप्त वीडियो!

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