चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ

(1)  सर्वशक्तिमान परमेश्वर की  कलीसिया  के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और  सर्वशक्तिमान परमेश्वर  की क...

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शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2019

सुसमाचार को फैलाने का कार्य मनुष्यों को बचाने का कार्य भी है

परमेश्वर का कार्य, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन, सुसमाचार को फैलाने

सुसमाचार को फैलाने का कार्य मनुष्यों को बचाने का कार्य भी है

सभी लोगों को पृथ्वी पर मेरे कार्य के उद्देश्य को समझने की आवश्यकता है, अर्थात्, मेरे कार्य का अंतिम उद्देश्य और इससे पहले कि इसे पूरा किया जा सके कौन सा स्तर मुझे इस कार्य में अवश्य प्राप्त कर लेना चाहिए। यदि, आज के दिन तक मेरे साथ चलते रहे लोग यह नहीं समझते हैं कि मेरा समस्त कार्य किस बारे में है, तो क्या वे मेरे साथ व्यर्थ में नहीं चल रहे हैं? जो लोग मेरा अनुसरण करते हैं उन्हें मेरी इच्छा जाननी चाहिए। मैं हज़ारों सालों से पृथ्वी पर कार्य करता आ रहा हूँ, और आज के दिन तक अभी भी मैं अपना कार्य इसी तरह से कर रहा हूँ।

गुरुवार, 10 जनवरी 2019

प्रार्थना की क्रिया के विषय में

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन, सच्ची प्रार्थना, परमेश्वर से प्रेम

प्रार्थना की क्रिया के विषय में

अपने प्रतिदिन के जीवन में तुम प्रार्थना पर बिलकुल ध्यान नहीं देते। लोगों ने प्रार्थना को सदैव नजरअंदाज किया है। प्रार्थनाएँ लापरवाही से की जाती थीं, जिसमें इंसान परमेश्वर के सामने बस खानापूर्ति करता था। किसी ने भी कभी परमेश्वर के समक्ष पूरी रीति से अपने हृदय को समर्पित नहीं किया है और न ही परमेश्वर से सच्चाई से प्रार्थना की है।

गुरुवार, 27 सितंबर 2018

व्यवस्था के युग में कार्य

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन-व्यवस्था के युग में कार्य

वह कार्य जो यहोवा ने इस्राएलियों पर किया, उसने मानवजाति के बीच पृथ्वी पर परमेश्वर के मूल स्थान को स्थापित किया जो कि वह पवित्र स्थान भी था जहाँ वह उपस्थित रहता था। उसने अपने कार्य को इस्राएल के लोगों तक ही सीमित रखा। आरम्भ में, उसने इस्राएल के बाहर कार्य नहीं किया; उसके बजाए, उसने ऐसे लोगों को चुना जिन्हें उसने अपने कार्यक्षेत्र को सीमित रखने के लिए उचित पाया। इस्राएल वह जगह है जहाँ परमेश्वर ने आदम और हव्वा की रचना की, और उस जगह की धूल से यहोवा ने मनुष्य को बनाया; यह स्थान पृथ्वी पर उसके कार्य का आधार बन गया। इस्राएली, जो नूह के वंशज थे, और आदम के भी वंशज थे, पृथ्वी पर यहोवा के कार्य की मानवीय बुनियाद थे।

गुरुवार, 13 सितंबर 2018

अभ्यास (2)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन, मसीह के कथन, परमेश्वर को जानना

अभ्यास (2)


बीते समय में, लोगों ने परमेश्वर के साथ रहने और प्रत्येक क्षण आत्मा में जीने के लिए स्वयं को प्रशिक्षित किया, जिसकी, आज के अभ्यास से तुलना करें, तो यह एक साधारण आध्यात्मिक प्रशिक्षण है। ऐसा अभ्यास लोगों के जीवन के सही मार्ग पर प्रवेश करने से पहले आता है, और यह अभ्यास की समस्त विधियों में सबसे उथली और सबसे साधारण विधि है। परमेश्वर में लोगों के विश्वास के अभ्यास का यह आरम्भिक चरण है। यदि लोग सर्वदा इसी अभ्यास के द्वारा जीवनयापन करते हैं, तो उनमें अनेकानेक भावनाएँ होगीं, और वे उन अनुभवों में प्रवेश करने में अयोग्य होगें जो गहरे और सत्य हैं।

बुधवार, 12 सितंबर 2018

परमेश्वर के कार्य का दर्शन (3)

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परमेश्वर के कार्य का दर्शन (3)

पहली बार जब परमेश्वर देह बना तो यह पवित्र आत्मा द्वारा गर्भधारण के माध्यम से था, और यह उस कार्य से संबंधित था जिसे करने का वह इरादा रखता था। यीशु के नाम ने अनुग्रह के युग की शुरुआत को प्रख्यात किया। जब यीशु ने अपनी सेवकाई आरंभ की, तो पवित्र आत्मा ने यीशु के नाम की गवाही देनी आरंभ कर दी, और यहोवा का नाम अब और नहीं बोला जा रहा था, और इसके बजाय पवित्र आत्मा ने मुख्य रूप से यीशु के नाम से नया कार्य आरंभ किया था। जो यीशु में विश्वास करते थे उन लोगों की गवाही, यीशु मसीह के लिए थी, और उन्होंने जो कार्य किया वह भी यीशु मसीह के लिए था।

मंगलवार, 11 सितंबर 2018

परमेश्वर के कार्य का दर्शन (2)

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परमेश्वर के कार्य का दर्शन (2)

अनुग्रह के युग में पश्चाताप के सुसमाचार का उपदेश दिया गया, और कहा गया कि यदि मनुष्य विश्वास करता है,तो उसे बचाया जाएगा। आज,उद्धार के स्थान पर केवल विजय और पूर्णता की बात होती है। ऐसा कभी नहीं कहा जाता है कि यदि एक व्यक्ति विश्वास करता है, तो उसका पूरा परिवार धन्य हो जाएगा, या कि उद्धार एक बार और सदा के लिए हो जाता है। आज, कोई इन वचनों को नहीं बोलता है,और ऐसी चीजें पुरानी हो गई हैं। उस समय यीशु का कार्य समस्त मानव जाति का छुटकारा था।

सोमवार, 10 सितंबर 2018

परमेश्वर के काम का दर्शन (1)

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परमेश्वर के काम का दर्शन (1)


यूहन्ना ने यीशु के लिए सात साल तक काम किया, और यीशु के आने से पहले ही मार्ग तैयार कर दिया था. इसके पहले, यूहन्ना द्वारा प्रचारित स्वर्गराज्य का सुसमाचार पूरे देश में सुना जा चुका था, इस प्रकार यह पूरे यहूदिया में फैल गया, और सभी ने उसे नबी कह कर पुकारा। उस समय राजा हेरोदस, यूहन्ना को मारने की इच्छा रखता था, फिर भी उसने हिम्मत नहीं की, क्योंकि लोग यूहन्ना को बहुत सम्मान देते थे, और हेरोदस को डर था कि अगर वह यूहन्ना को मार देगा तो वे उसके खिलाफ विद्रोह कर देंगे।

रविवार, 9 सितंबर 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन|कार्य और प्रवेश (10)

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन|कार्य और प्रवेश (10)

मानवता का इतनी दूरी तक प्रगति कर लेना एक ऐसी स्थिति है जिसका कोई पूर्व उदाहरण नहीं। परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का प्रवेश कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ते हैं, और इस प्रकार परमेश्वर का कार्य भी एक शानदार मौका है जो बेमिसाल है। मनुष्य का आज तक का प्रवेश एक ऐसा आश्चर्य है जिसकी किसी मानव ने पहले कभी कल्पना नहीं की थी। परमेश्वर का कार्य अपने शिखर पर पहुँच गया है—और, बाद में, मनुष्य का "प्रवेश"[1] भी अपनी पराकाष्ठा पर पहुँच गया है। परमेश्वर ने अपने आप को इतना नीचे उतारा है जितना कि वह संभवतः उतार सकता था, और कभी भी उसने मानव जाति या विश्व की सारी चीजों के सामने विरोध नहीं किया।

शनिवार, 8 सितंबर 2018

कार्य और प्रवेश (8)

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कार्य और प्रवेश (8)

मैंने कई बार कहा है कि परमेश्वर के अंतिम दिनों के कार्य का उद्देश्य है प्रत्येक व्यक्ति की आत्मा को बदलना, प्रत्येक व्यक्ति की रूह को बदलना, ताकि उनके दिल में, जिसने अत्यंत आघात को सहा है, सुधार लाया जा सके, जिससे उनकी उस आत्मा को बचाया जा सके जिसे गंभीर रूप से बुराई द्वारा हानि पहुंचाई गई है; इसका उद्देश्य लोगों की आत्माओं को जगाना है, उनके बर्फ़ जैसे जमे हुए दिलों को पिघलाना है, और उनका जीर्णोद्धार करना है।

शुक्रवार, 7 सितंबर 2018

कार्य और प्रवेश (7)

कार्य और प्रवेश (7)

मानव को इस दिन तक का समय लग गया है यह समझ पाने में कि जिसका उसे अभाव है, वह न केवल आध्यात्मिक जीवन की आपूर्ति और परमेश्वर को जानने का अनुभव है, बल्कि जो इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है, वह है उसके स्वभाव में परिवर्तन। इतिहास और मानव जाति की प्राचीन संस्कृति के बारे में मनुष्यों की पूरी अज्ञानता के कारण, वे परमेश्वर के कार्य के बारे में थोड़ी-सी भी जानकारी नहीं रखते हैं।

गुरुवार, 6 सितंबर 2018

कार्य और प्रवेश (6)

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कार्य और प्रवेश (6)

कार्य और प्रवेश अंतर्निहित रूप से व्यावहारिक हैं और परमेश्वर के कार्य और आदमी की प्रविष्टि को संदर्भित करते हैं। मनुष्य का परमेश्वर के वास्तविक चेहरे और परमेश्वर के कार्य की समझ का पूर्ण अभाव उसके प्रवेश में बड़ी कठिनाइयाँ लाया है। आज तक, बहुत से लोग अब भी उस कार्य को नहीं जानते जो परमेश्वर अंत के दिनों में निष्पादित करता है या नहीं जानते हैं कि परमेश्वर देह में आने के लिए चरम अपमान क्यों सहन करता है और सुख और दुःख में मनुष्य के साथ खड़ा होता है।

बुधवार, 5 सितंबर 2018

कार्य और प्रवेश (4)

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कार्य और प्रवेश (4)

यदि मनुष्य वास्तव में पवित्र आत्मा के कार्य के अनुसार प्रवेश कर सके, तो उसका जीवन वसंत की वर्षा के बाद बांस की कली की तरह शीघ्र अंकुरित हो जाएगा। अधिकांश लोगों की मौज़ूदा हैसियतों से अनुमान लगाते हुए, कोई भी जीवन को किसी प्रकार का महत्व नहीं दे रहा है। इसके बजाय, लोग कुछ अप्रासंगिक सतही मामलों को महत्व दे रहे हैं।

मंगलवार, 4 सितंबर 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया | पतरस ने यीशु को कैसे जाना

      सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया | पतरस ने यीशु को कैसे जाना                

उस समय के दौरान जो पतरस ने यीशु के साथ बिताया, उसने यीशु में अनेक प्यारे अभिलक्षणों, अनेक अनुकरणीय पहलुओं, और अनेक ऐसी चीजों को देखा जिन्होंने उसे आपूर्ति की। यद्यपि पतरस ने कई तरीकों से यीशु में परमेश्वर के अस्तित्व को देखा, और कई प्यारे गुण देखे, किन्तु पहले वह यीशु को नहीं जानता था।

सोमवार, 3 सितंबर 2018

पतरस के जीवन पर

पतरस के जीवन पर

पतरस एक उदाहरण है जिसका परिचय परमेश्वर ने मानवजाति से करवाया था, और वह एक सुप्रसिद्ध व्यक्ति है। ऐसा क्यों है कि एक ऐसे साधारण व्यक्ति को परमेश्वर के द्वारा एक उदाहरण के रूप में रखा गया और जिसकी बाद में आने वाली पीढ़ियों के द्वारा प्रशंसा की गई? निस्संदेह, इसका उल्लेख किए जाने की आवश्यकता नहीं है कि यह परमेश्वर के लिए उसके प्रेम की अभिव्यक्ति और संकल्प से अलग नहीं किया जा सकता है। जहाँ कहीं परमेश्वर के लिए पतरस के प्रेमी हृदय को अभिव्यक्त किया गया और जो उसके जीवन भर का अनुभव था, हमें उस समय की संस्कृति पर एक नज़र डालने और उस समय के उस पतरस को देखने के लिए, हमें अनुग्रह के युग में लौटना होगा।

रविवार, 2 सितंबर 2018

तीसरे कथन की व्याख्या

मसीह के कथन, वचन, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

तीसरे कथन की व्याख्या


आज, अब अनुग्रह का युग नहीं रहा, न ही यह दया का युग है, बल्कि यह राज्य का युग है जिसमें परमेश्वर के लोगों का पता चलता है, वह युग जिसमें परमेश्वर दिव्यता से सीधे कार्य करता है। इस प्रकार, परमेश्वर के वचनों के इस मार्ग पर, परमेश्वर उन सभी को आध्यात्मिक क्षेत्र में ले जाता है जो उसके वचनों को स्वीकार करता है।

शनिवार, 1 सितंबर 2018

उन्तीसवाँ कथन

मसीह के कथन, वचन, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

उन्तीसवाँ कथन


जिस दिन सभी चीज़ें पुनर्जीवित हुईं थीं, मैं मनुष्यों के बीच आया, और मैंने उसके साथ अद्भुत दिन और रात बिताये हैं। केवल इस अवसर पर ही मनुष्य मेरी सुलभता को थोड़ा सा समझता है, और जैसे-जैसे मेरे साथ उसकी अंतःक्रिया बार-बार होने लगती है, तो वह जो मेरे पास है और जो मैं हूँ उसमें से थोड़ा सा देखता है—और परिणामस्वरूप, उसे मेरे बारे में कुछ ज्ञान प्राप्त हो जाता है।

मंगलवार, 21 अगस्त 2018

लोगों! आनंद मनाओ!

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लोगों! आनंद मनाओ!


मेरी ज्योति में लोग फिर से ज्योति देखते हैं। मेरे वचनों में, लोगों को खुशी देने वाली चीज़ें मिलती हैं। मेरा आगमन पूर्व से हुआ है और वहीं मेरी उत्पत्ति हुई है। जब मेरी महिमा चमकती है, तो सभी राष्ट्र प्रकाशित हो उठते हैं, सभी कुछ रोशनी में आ जाता है, कुछ अंधकार में नहीं रहता। राज्य में, परमेश्वर के साथ उसके लोगों का जीवन इतना प्रसन्न रहता है कि जिसकी तुलना नहीं की जा सकती।

सोमवार, 20 अगस्त 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन|अध्याय 25

मसीह के कथन, राज्य, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

अध्याय 25


सर्वशक्तिमान परमेश्वर, अनन्‍तकाल का पिता, शांति का राजकुमार, हमारा परमेश्वर राजा है! सर्वशक्तिमान परमेश्वर अपने चरण जैतून के पर्वत पर रखता है। यह कितना खूबसूरत है! सुनो! हम पहरूए पुकार रहे हैं; एक साथ जयजयकार कर रहे हैं, क्योंकि परमेश्वर सिय्योन में लौट आया है।

रविवार, 19 अगस्त 2018

चैबीसवाँ कथन

प्रार्थना, मसीह के कथन, राज्य, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

चैबीसवाँ कथन


मेरी ताड़नाएँ सभी लोगों पर आती हैं, फिर भी यह सभी लोगों से दूर भी रहती हैं। हर व्यक्ति का संपूर्ण जीवन मेरे प्रति प्रेम और नफ़रत से भरा हुआ है, और किसी ने भी मुझे कभी नहीं जाना है—और इस प्रकार मेरे प्रति मनुष्य की प्रवृत्ति कभी हाँ कभी ना करना की होती है, और सामान्य होने में अक्षम है। फिर भी मैंने हमेशा से मनुष्य की परवाह और सुरक्षा की है। यह केवल उसकी मूर्खता के कारण है कि वह मेरे सभी कर्मों को देखने और मेरे प्रबल अभिप्रायों को समझने में असमर्थ है।

शनिवार, 18 अगस्त 2018

तेइसवाँ कथन

प्रार्थना, मसीह के कथन, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

तेइसवाँ कथन


जैसे-जैसे मेरी आवाज़ उच्चारित हो रही है, जैसे-जैसे मेरी आँखों से ज्वाला निकल रही है, मैं पूरी पृथ्वी पर निगरानी रख रहा हूँ, मैं पूरे ब्रह्मांड का अवलोकन कर रहा हूँ। संपूर्ण मानवता मुझ से प्रार्थना कर रही है, मुझे टकटकी लगाकर देख रही है, मुझसे मेरे क्रोध को समाप्त करने के लिए विनती कर रही है, और मेरे विरुद्ध अब विद्रोह नहीं करने की शपथ खा रही है। किन्तु अब यह अतीत नहीं है; यह वर्तमान है। कौन मेरी इच्छा को पीछे मोड़ सकता है?

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