चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ

(1)  सर्वशक्तिमान परमेश्वर की  कलीसिया  के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और  सर्वशक्तिमान परमेश्वर  की क...

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शनिवार, 16 फ़रवरी 2019

पवित्र आत्मा के कार्य को कोई कैसे प्राप्त कर सकता है?


सुसमाचार से सम्बन्धित सत्य, पवित्र आत्मा का कार्य, सच्ची प्रार्थना

पवित्र आत्मा के कार्य को कोई कैसे प्राप्त कर सकता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
पवित्र आत्मा का कार्य दिन ब दिन बदलता जाता है, हर एक कदम के साथ ऊँचा उठता जाता है; आने वाले कल का प्रकाशन आज से भी कहीं ज़्यादा ऊँचा होता है, कदम दर कदम और ऊपर चढ़ता जाता है। जिस कार्य के द्वारा परमेश्वर मनुष्य मनुष्य को सिद्ध करता है वह ऐसा ही है। यदि मनुष्य उस गति से चल न पाए, तो उसे किसी भी समय पीछे छोड़ा सकता है। यदि मनुष्य के पास आज्ञाकारी हृदय न हो, तो वह अंत तक अनुसरण नहीं कर सकता है। पूर्व का युग गुज़र गया है; यह एक नया युग है।

गुरुवार, 14 फ़रवरी 2019

सच्ची प्रार्थना करने का क्या मतलब है?

सुसमाचार से सम्बन्धित सत्य, सच्ची प्रार्थना, परमेश्वर से प्रेम

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन|सच्ची प्रार्थना करने का क्या मतलब है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
सच्चाई के साथ प्रार्थना करने का क्या अर्थ है? इसका अर्थ है अपने हृदय में शब्दों को कहना, और परमेश्वर की इच्छा को समझकर और उसके वचनों पर आधारित होकर परमेश्वर के साथ वार्तालाप करना; इसका अर्थ है विशेष रूप से परमेश्वर के निकट महसूस करना, यह महसूस करना कि वह तुम्हारे सामने है, और कि तुम्हारे पास उससे कहने के लिए कुछ है; और इसका अर्थ है अपने हृदय में विशेष रूप से प्रज्ज्वलित या प्रसन्न होना, और यह महसूस करना कि परमेश्वर विशेष रूप से मनोहर है। तुम विशेष रूप से प्रेरणा से भरे हुए महसूस करोगे, और तुम्हारे शब्दों को सुनने के बाद तुम्हारे भाई और तुम्हारी बहनें आभारी महसूस करेंगे, वे महसूस करेंगे कि जो शब्द तुम बोलते हो वे उनके हृदय के भीतर के शब्द हैं, वे ऐसे शब्द हैं जो वे कहना चाहते हैं, और जो तुम कहते हो वह वही है जो वे कहना चाहते हैं।

गुरुवार, 10 जनवरी 2019

प्रार्थना की क्रिया के विषय में

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन, सच्ची प्रार्थना, परमेश्वर से प्रेम

प्रार्थना की क्रिया के विषय में

अपने प्रतिदिन के जीवन में तुम प्रार्थना पर बिलकुल ध्यान नहीं देते। लोगों ने प्रार्थना को सदैव नजरअंदाज किया है। प्रार्थनाएँ लापरवाही से की जाती थीं, जिसमें इंसान परमेश्वर के सामने बस खानापूर्ति करता था। किसी ने भी कभी परमेश्वर के समक्ष पूरी रीति से अपने हृदय को समर्पित नहीं किया है और न ही परमेश्वर से सच्चाई से प्रार्थना की है।

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