पवित्र आत्मा का वचन "तुम लोगों को अपने कार्यों पर विचार करना चाहिए"
सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "अपने दैनिक जीवन में तुम लोग एक ऐसे वातावरण में रहते हो जिसमें कोई सत्य या भला एहसास नहीं है। तुम में अस्तित्व में बने रहने के लिए प्रधान वस्तु की कमी है और मुझे या सत्य को जानने के लिए तुम लोगों के पास आधार नहीं है। तुम्हारा विश्वास महज एक ऐसे अस्पष्ट भरोसे पर
या धार्मिक रीति-रिवाजों और ज्ञान के ऊपर बना हुआ है जो पूरी तरह सिद्धांतों पर टिका हुआ है। प्रतिदिन मैं तुम लोगों के क्रियाकलापों को देखता हूँ और तुम लोगों के इरादों और बुरे परिणामों की जाँच करता हूँ। मुझे कभी भी ऐसा कोई नहीं मिला जो सचमुच में अपना हृदय और अपनी आत्मा मेरी वेदी के ऊपर रखे, जिसे कभी हटाया न गया हो। इसलिए जिन्हें मैं ऐसी मानवजाति के ऊपर प्रकट करना चाहता हूँ, उन सभी वचनों को व्यर्थ में नहीं उण्डेलना चाहता।