चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ

(1)  सर्वशक्तिमान परमेश्वर की  कलीसिया  के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और  सर्वशक्तिमान परमेश्वर  की क...

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शुक्रवार, 17 अगस्त 2018

बाईसवाँ कथन

प्रार्थना, मसीह के कथन, राज्य, विश्वास, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

बाईसवाँ कथन


मनुष्य प्रकाश के बीच जीता है, फिर भी वह प्रकाश की बहुमूल्यता से अनभिज्ञ है। वह प्रकाश के सार तथा प्रकाश के स्रोत से, और इसके अतिरिक्त, वह इस बात से अनजान है कि यह किस का है। जब मैंने मनुष्य के बीच प्रकाश प्रदान किया, तब मैंने तुरन्त ही मनुष्यों के बीच की स्थितियों का निरीक्षण किया प्रकाश के कारण सभी लोग बदल रहे हैं और पनप रहे हैं और उन्होंने अन्धकार को छोड़ दिया है।

गुरुवार, 16 अगस्त 2018

इक्कीसवाँ कथन

परमेश्वर, सत्य, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन, मसीह के कथन

इक्कीसवाँ कथन


मनुष्य मेरी ज्योति के बीच में गिरता है और मेरे द्वारा उद्धार के कारण डटा रहता है। जब मैं पूरे विश्व में उद्धार लेकर आता हूँ, तो मनुष्य मेरे पुनरुद्धार के प्रवाह में प्रवेश करने के लिए रास्ते तलाशने की कोशिश करता है; फिर भी बहुत से हैं जिन्हें इस पुनरुद्धार की प्रचण्ड धारा के द्वारा बिना कोई निशान छोड़े साफ कर दिया जाता है। ऐसे बहुत से हैं जिन्हें इन प्रचण्ड जलधाराओं के द्वारा डूबा दिया जाता है और निगल लिया जाता है; और बहुत से हैं, जो प्रचण्ड धारा के मध्य भी डटे रहते हैं, जिन्होंने अपनी दिशा के एहसास को कभी नहीं खोया है, और जिन्होंने आज तक इस प्रचण्ड धारा का इसी तरह अनुसरण किया है।

सोमवार, 13 अगस्त 2018

बीसवाँ कथन

परमेश्वर, राज्य, विश्वास, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन, मसीह के कथन

बीसवाँ कथन


मेरे घर की धन-सम्पति असंख्य और अथाह है, फिर भी उनका आनन्द उठाने के लिए मनुष्य मेरे पास कभी नहीं आया। वह अपने आप में उनका आनन्द उठाने में असमर्थ है, और न ही अपने स्वयं की कोशिशों से अपने आप को बचाने में समर्थ है; उसके बजाए, उसने हमेशा अपना भरोसा दूसरों पर रखा है। उन सब ने जिनको मैं देखता हूँ, किसी ने भी समझते-बूझते और प्रत्यक्ष रूप से मेरी खोज नहीं की है। दूसरों के आग्रह से वे सभी भीड़ का अनुसरण करते हुए मेरे सामने आते हैं, और वे कीमत चुकाने या अपने जीवन को समृद्ध करने के लिए समय बिताने को तैयार नहीं हैं।

गुरुवार, 9 अगस्त 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया | तुम विश्वास के विषय में क्या जानते हो?

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया | तुम विश्वास के विषय में क्या जानते हो?

मनुष्य केवल विश्वास के अनिश्चित शब्द पर बना रहता है, फिर भी मनुष्य यह नहीं जानता है कि वह क्या है जो विश्वास का निर्माण करता है, और यह तो बिलकुल ही नहीं जानता है कि उसके पास विश्वास क्यों है।

मंगलवार, 7 अगस्त 2018

सात गर्जनाएँ – भविष्यवाणी करती हैं कि राज्य के सुसमाचार पूरे ब्रह्माण्ड में फैल जाएंगे

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन, मसीह के कथन, सुसमाचार

सात गर्जनाएँ – भविष्यवाणी करती हैं कि राज्य के सुसमाचार पूरे ब्रह्माण्ड में फैल जाएंगे


मैं अपना कार्य अन्यजाति देशों में फैला रहा हूँ। मेरी महिमा पूरे ब्रह्माण्ड में चमकती है; मेरी इच्छा कुछ यत्र-तत्र फैले लोगों में समाहित है, सब मेरे हाथ के इशारों पर चलते हैं और उन कामों को प्रचारित करते हैं जो मैंने उन्हें सौंपे हैं। इस बिंदु से आगे, सभी लोगों को एक दूसरे विश्व में लाते हुए, मैंने एक नए युग में प्रवेश किया है। जब मैं अपनी "मातृभूमि" लौटा तो मैंने अपनी मूल योजना के कार्य का एक और भाग आरम्भ किया, ताकि इंसान मुझे और गहराई से जान जाए।

सोमवार, 6 अगस्त 2018

स्वर्गिक परमपिता की इच्छा के प्रति आज्ञाकारिता ही मसीह का वास्तविक सार है

स्वर्गिक परमपिता की इच्छा के प्रति आज्ञाकारिता ही मसीह का वास्तविक सार है

देहधारी परमेश्वर मसीह कहलाता है, तथा मसीह परमेश्वर के आत्मा के द्वारा धारण किया गया देह है। यह देह किसी भी मनुष्य की देह से भिन्न है। यह भिन्नता इसलिए है क्योंकि मसीह मांस तथा खून से बना हुआ नहीं है बल्कि आत्मा का देहधारण है। उसके पास सामान्य मानवता तथा पूर्ण परमेश्वरत्व दोनों हैं। उसकी दिव्यता किसी भी मनुष्य द्वारा धारण नहीं की जाती है।

शुक्रवार, 3 अगस्त 2018

सातवाँ कथन

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन, मसीह के कथन, वचन

सातवाँ कथन


पश्चिम की सभी शाखाओं को मेरी आवाज़ सुननी चाहिएः
अतीत में, क्या तुम लोग मेरे प्रति निष्ठावान रहे हो? क्या तुम लोगों ने मेरे परामर्श के उत्कृष्ट वचनों का पालन किया है? क्या तुम लोगों के पास ऐसी आशाएँ हैं जो वास्तविक हैं और अस्पष्ट और अनिश्चित नहीं हैं। मनुष्य की वफादारी, उसका प्रेम उसकी निष्ठा—जो कुछ मुझ से आता है उसके अलावा और कुछ नहीं है, जो कुछ मेरे द्वारा प्रदान किया जाता है उसके अलावा और कुछ नहीं है। मेरे लोगो, जब तुम लोग मेरे वचनों को सुनते हो, तो क्या तुम लोग मेरी इच्छा को समझते हो?

मंगलवार, 31 जुलाई 2018

अठारहवाँ कथन

परमेश्वर को महिमा, मसीह के कथन, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

अठारहवाँ कथन


बिजली की एक चमक पर, प्रत्येक जानवर अपने असली स्वरूप में प्रकट हो जाता है। उसी तरह, मेरे प्रकाश से प्रकाशित मानवजाति ने उस पवित्रता को पुनः-प्राप्त कर लिया है जिससे वह कभी सम्पन्न थी। ओह, अतीत का वह भ्रष्ट संसार गंदे पानी में पलट गया है, और सतह के नीचे डूब कर, कीचड़ में घुल गया है!

सोमवार, 30 जुलाई 2018

सत्रहवाँ कथन

परमेश्वर को महिमा, मसीह के कथन, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

सत्रहवाँ कथन


मेरी आवाज़ सभी चारों दिशाओं एवं सम्पूर्ण पृथ्वी को रोशन करते हुए, गर्जना के समान बाहर निकलती है, और गर्जना और चमकती हुई बिजली के बीच, मानवजाति मार गिराई जाती है। कोई भी मनुष्य कभी भी गर्जना और चमकती हुई बिजली के बीच अडिग नहीं रहा हैः मेरी रोशनी के आने पर अधिकांश मनुष्य दहशत में पड़ जाते हैं और नहीं जानते हैं कि क्या करें।

रविवार, 29 जुलाई 2018

चौदहवाँ कथन

परमेश्वर को महिमा, मसीह के कथन, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

चौदहवाँ कथन

युगों-युगों से, किसी भी मनुष्य ने राज्य में प्रवेश नहीं किया है और इसलिए किसी ने भी राज्य के युग के अनुग्रह का आनंद नहीं लिया है, किसी ने भी राज्य के राजा को नहीं देखा है।

शनिवार, 28 जुलाई 2018

तेरहवाँ कथन

परमेश्वर को महिमा, मसीह के कथन, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

तेरहवाँ कथन


मेरी आवाज़ की घोषणाओं के भीतर मेरे कई इरादे छुपे होते हैं। परन्तु मनुष्य उनमें से किसी को भी नहीं जानता और समझता है, और मेरे हृदय को जानने या मेरे वचनों के भीतर मेरी इच्छा का सहजज्ञान करने में समर्थ हुए बिना बाहर ही बाहर मेरे वचनों को ग्रहण करता रहता है और बाहर ही बाहर उनका अनुसरण करता रहता है।

शुक्रवार, 27 जुलाई 2018

बारहवाँ कथन

परमेश्वर को महिमा, मसीह के कथन, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

बारहवाँ कथन


जब पूर्व से बिजली चमकती है—जो कि निश्चित रूप से वही क्षण भी होता है जब मैं बोलना आरम्भ करता हूँ—जिस क्षण बिजली प्रकट होती है, तो संपूर्ण नभमण्डल जगमगा उठता है, और सभी तारे रूपान्तरित होना शुरू कर देते हैं। ऐसा प्रतीत होता है मानो पूरी मानवजाति को उचित प्रकार से शुद्ध करने और काट-छाँट करने के अधीन कर दिया गया हो।

गुरुवार, 26 जुलाई 2018

ग्यारहवाँ कथन

ग्यारहवाँ कथन


मानवजाति में प्रत्येक व्यक्ति को मेरे आत्मा के अवलोकन को स्वीकार करना चाहिए, अपने हर वचन और कार्य की बारीकी से जाँच करनी चाहिए, और इसके अलावा, मेरे चमत्कारिक कर्मों पर विचार करना चाहिए। पृथ्वी पर राज्य के आगमन के समय तुम लोग कैसा महसूस करते हो?

रविवार, 22 जुलाई 2018

स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII

परमेश्वर को जानना, परमेश्वर को महिमा, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII

परमेश्वर सभी चीज़ों के लिए जीवन का स्रोत है (II)

आइए, पिछले समय की बातचीत के विषय को जारी रखें। क्या तुम लोग याद कर सकते हो कि पिछले समय हमने किस विषय पर बातचीत की थी? (परमेश्वर सभी चीज़ों के लिए जीवन का स्रोत है।) क्या "परमेश्वर सभी चीज़ों के लिए जीवन का स्रोत है" एक ऐसा विषय है जो तुम लोगों की पहुँच से बहुत दूर प्रतीत होता है?

शनिवार, 21 जुलाई 2018

स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI

परमेश्वर को जानना, परमेश्वर को महिमा, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI

परमेश्वर की पवित्रता (III)

अपनी प्रार्थनाओं को कहने के बाद तुम लोग कैसा महसूस करते हो? (बहुत अधिक रोमांचित एवं द्रवित।) आइए हम अपनी संगति को प्रारम्भ करें। हमने पिछली बार किस विषय पर संगति की थी? (परमेश्वर की पवित्रता।) स्वयं परमेश्वर के किस पहलू से परमेश्वर की पवित्रता सम्बन्धित होती है? क्या यह परमेश्वर के सार से सम्बन्धित होती है?

शुक्रवार, 20 जुलाई 2018

स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X

परमेश्वर को जानना, परमेश्वर को महिमा, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X


सब वस्तुओं के जीवन का स्रोत परमेश्वर है (IV)

आज, हम एक खास विषय पर बातचीत कर रहे हैं। तुम लोगों में से प्रत्येक के लिये, केवल दो ही बातें हैं जिनके विषय में तुम्हें जानना, अनुभव करना और समझना आवश्यक है-और ये दो बातें क्या हैं? पहली बात है, लोगों का जीवन में व्यक्तिगत रूप से प्रवेश, और दूसरी, परमेश्वर को जानने के विषय से संबंधित है। आज मैं तुम्हें विकल्प देता हूं: एक को चुनो।

गुरुवार, 19 जुलाई 2018

स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VII

स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VII

(I) परमेश्वर के अधिकार, परमेश्वर के धर्मी स्वभाव, एवं परमेश्वर की पवित्रता का अवलोकन

जब तुम अपनी प्रार्थनाओं को समाप्त करते हो, तो क्या तुम लोगों के हृदय को परमेश्वर की उपस्थिति में शांति महसूस होती है? (हाँ) यदि किसी व्यक्ति के हृदय को शांत किया जा सकता है, तो वे परमेश्वर के वचन को सुनने एवं समझने में सक्षम होंगे और वे सत्य को सुनने एवं समझने में सक्षम होंगे। यदि तुम्हारा हृदय शांत होने में असमर्थ है, यदि तुम्हारा हृदय हमेशा भटकता रहता है, या हमेशा अन्य चीज़ों के बारे में सोचता रहता है, तो यह तुम्हारे एक साथ आकर परमेश्वर के वचन को सुनने पर असर डालेगा।

बुधवार, 18 जुलाई 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन|स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IV

परमेश्वर को महिमा, मसीह के कथन, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IV

परमेश्वर की पवित्रता (I)

आज हमने परमेश्वर के अधिकार की अतिरिक्त संगति की है, और हम फिलहाल अभी परमेश्वर की धार्मिकता के बारे में बात नहीं करेंगे। आज हम बिल्कुल ही एक नए विषय के बारे में बात करेंगे—परमेश्वर की पवित्रता के बारे में। परमेश्वर की पवित्रता परमेश्वर के अद्वितीय सार का एक और पहलू है, अतः यहाँ इस विषय पर संगति करने की अत्यधिक आवश्यकता है। परमेश्वर के सार का यह पहलू जिस पर मैं संगति करूंगा, साथ ही वे दो पहलू, परमेश्वर के धर्मी स्वभाव एवं परमेश्वर के अधिकार, जिन पर हम ने पहले संगति की थी—क्या वे सब अद्वितीय हैं? (हाँ।) परमेश्वर की पवित्रता भी अद्वितीय है, अतः इस अद्वितीयता का आधार, एवं इस अद्वितीयता का मूल आज की हमारी बातचीत का मुख्य विषय होगा।

मंगलवार, 17 जुलाई 2018

स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III

स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III

परमेश्वर का अधिकार (II)
आज हम "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है" के विषय पर अपनी सभा को जारी रखेंगे। हम पहले से ही इस विषय पर दो सभाएँ कर चुके हैं, पहला परमेश्वर के अधिकार से सम्बन्धित था, और दूसरा परमेश्वर के धर्मी स्वभाव से सम्बन्धित था। इन दोनों सभाओं को सुनने के पश्चात्, क्या तुम लोगों ने परमेश्वर की पहचान, हैसियत, और हस्ती की नई समझ हासिल की है?

शुक्रवार, 13 जुलाई 2018

जो परमेश्वर को और उसके कार्य को जानते हैं केवल वे ही परमेश्वर को सन्तुष्ट कर सकते हैं

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जो परमेश्वर को और उसके कार्य को जानते हैं केवल वे ही परमेश्वर को सन्तुष्ट कर सकते हैं


देहधारी परमेश्वर के कार्य में दो भाग शामिल हैं। जब सबसे पहली बार उसने देह धारण किया, तो लोगों ने उस पर विश्वास नहीं किया या उसे नहीं पहचाना, और यीशु को सलीब पर चढ़ा दिया। दूसरी बार भी लोगों ने उस पर विश्वास नहीं किया, उसे बहुत कम पहचाना, और एक बार फिर से मसीह को सलीब पर चढ़ा दिया। क्या मनुष्य परमेश्वर का बैरी नहीं हैं? यदि मनुष्य उसे नहीं जानता है, तो वह परमेश्वर का अंतरंग कैसे हो सकता है?

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