हाल के वर्षों में दुनिया भर में हुई आपदाएं अधिक से अधिक गंभीर होती जा रही हैं। भूकंप, बाढ़, सूखा, जंगल की आग, अकाल और बीमारी का प्रकोप अक्सर होना और उनका व्यापक होना मनुष्य के बुरे सपने के सच होने जैसा है; दुनिया एक अस्थिर और अशांत स्थिति में है, युद्ध, हिंसक कार्य, क्षेत्रीय संघर्ष और आतंकवादी हमले अक्सर होते हैं और निरंतर बढ़ते ही जा रहे हैं।ये संकेत प्रभु की वापसी की
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।
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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ
(1) सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की क...
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सोमवार, 24 फ़रवरी 2020
रविवार, 10 नवंबर 2019
प्रश्न 1: प्रभु यीशु कहते हैं: "मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं" (यूहन्ना 10:27)। तब समझ आया कि प्रभु अपनी भेड़ों को बुलाने के लिए वचन बोलने को लौटते हैं। प्रभु के आगमन की प्रतीक्षा से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बात है, प्रभु की वाणी सुनने की कोशिश करना। लेकिन अब, सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि हमें नहीं पता कि प्रभु की वाणी कैसे सुनें। हम परमेश्वर की वाणी और मनुष्य की आवाज़ के बीच भी अंतर नहीं कर पाते हैं। कृपया हमें बताइये कि हम प्रभु की वाणी की पक्की पहचान कैसे करें।
हम परमेश्वर की वाणी कैसे सुनते हैं? हममें कितने भी गुण हों, हमें कितना भी अनुभव हो, उससे कोर्इ फ़र्क नहीं पड़ता।प्रभु यीशु में विश्वास करते हुए, उनके कई वचन सुनकर हमें कैसा लगता है? हालांकि हमें प्रभु के वचनों का कोर्इ अनुभव या ज्ञान नहीं है, लेकिन उन्हें सुनते ही लगता है कि वे सत्य हैं, उनमें सामर्थ्य और अधिकार है।
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