चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ

(1)  सर्वशक्तिमान परमेश्वर की  कलीसिया  के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और  सर्वशक्तिमान परमेश्वर  की क...

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मंगलवार, 17 जुलाई 2018

मनुष्य के सामान्य जीवन को पुनःस्थापित करना और उसे एक बेहतरीन मंज़िल पर ले चलना (भाग तीन)

मनुष्य के सामान्य जीवन को पुनःस्थापित करना और उसे एक बेहतरीन मंज़िल पर ले चलना (भाग तीन)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "जब एक बार विजय के कार्य को पूरा कर लिया जाता है, तब मनुष्य को एक सुन्दर संसार में पहुंचाया जाएगा। निश्चित रूप से, यह जीवन तब भी पृथ्वी पर ही होगा, परन्तु यह मनुष्य के आज के जीवन से पूरी तरह से भिन्न होगा।

रविवार, 15 जुलाई 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "भ्रष्ट मनुष्य परमेश्वर का प्रतिनिधित्व करने में अक्षम है"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "भ्रष्ट मनुष्य परमेश्वर का प्रतिनिधित्व करने में अक्षम है"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "शैतान के समस्त कार्य और कर्म मनुष्य में व्यक्त होते हैं। अब मनुष्य के समस्त कार्य और कर्म शैतान की अभिव्यक्ति हैं और इसलिए परमेश्वर का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते हैं। मनुष्य शैतान का मूर्त रूप है, और मनुष्य का स्वभाव परमेश्वर के स्वभाव का प्रतिनिधित्व करने में असमर्थ है।

मंगलवार, 10 जुलाई 2018

परमेश्वर पर विश्वास करना वास्तविकता पर केंद्रित होना चाहिए, न कि धार्मिक रीति-रिवाजों पर

परमेश्वर की इच्छा, परमेश्वर के वचन के पाठ

परमेश्वर पर विश्वास करना वास्तविकता पर केंद्रित होना चाहिए, न कि धार्मिक रीति-रिवाजों पर

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "कुछ लोगों में अपनी ओर ध्यान खींचने की विशेष प्रवृत्ति होती है। अपने भाई-बहनों की उपस्थिति में, वह कहता है कि वह परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ है, परंतु उनकी पीठ पीछे, वह सत्य का अभ्यास नहीं करता है और पूरी तरह से अन्यथा करता है।

सोमवार, 9 जुलाई 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य एवं मनुष्य का रीति व्यवहार" (भाग तीन)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य एवं मनुष्य का रीति व्यवहार" (भाग तीन)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर के कार्य के प्रत्येक उदाहरण में ऐसे दर्शन हैं जिन्हें मनुष्य के द्वारा पहचाना जाना चाहिए, ऐसे दर्शन जिनका अनुसरण मनुष्य के प्रति परमेश्वर की उचित अपेक्षाओं के द्वारा किया जाता है। बुनियाद के रूप में इन दर्शनों के बिना, मनुष्य साधारण तौर पर रीति व्यवहार में असमर्थ होगा, और न ही मनुष्य बिना लड़खड़ाए परमेश्वर का अनुसरण करने के योग्य होगा। यदि मनुष्य परमेश्वर को नहीं जानता या परमेश्वर की इच्छा को नहीं समझता, तो वह सब कुछ जो मनुष्य करता है वह व्यर्थ है, और परमेश्वर के द्वारा ग्रहण किए जाने के योग्य नहीं है।

शनिवार, 7 जुलाई 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य एवं मनुष्य का रीति व्यवहार" (भाग दो)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य एवं मनुष्य का रीति व्यवहार" (भाग दो)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर के कार्य के प्रत्येक उदाहरण में ऐसे दर्शन हैं जिन्हें मनुष्य के द्वारा पहचाना जाना चाहिए, ऐसे दर्शन जिनका अनुसरण मनुष्य के प्रति परमेश्वर की उचित अपेक्षाओं के द्वारा किया जाता है। बुनियाद के रूप में इन दर्शनों के बिना, मनुष्य साधारण तौर पर रीति व्यवहार में असमर्थ होगा, और न ही मनुष्य बिना लड़खड़ाए परमेश्वर का अनुसरण करने के योग्य होगा। यदि मनुष्य परमेश्वर को नहीं जानता या परमेश्वर की इच्छा को नहीं समझता, तो वह सब कुछ जो मनुष्य करता है वह व्यर्थ है, और परमेश्वर के द्वारा ग्रहण किए जाने के योग्य नहीं है।

गुरुवार, 5 जुलाई 2018

मसीह के कथन "छुटकारे के युग में कार्य के पीछे की सच्ची कहानी" | Jesus' Salvation of the Cross(Hindi)

मसीह के कथन "छुटकारे के युग में कार्य के पीछे की सच्ची कहानी" | Jesus' Salvation of the Cross(Hindi)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "अनुग्रह के युग में, मनुष्य पहले से ही शैतान की भ्रष्टता से गुज़र चुका था, और इसलिए समस्त मानवजाति को छुटकारा देने के कार्य हेतु, अनुग्रह की भरमार, अनन्त सहनशीलता और धैर्य, और उससे भी बढ़कर, मानवजाति के पापों का प्रयाश्चित करने के लिए पर्याप्त बलिदान की आवश्यकता थी ताकि इसके प्रभाव तक पहुँचा जा सके।

मंगलवार, 3 जुलाई 2018

सात गर्जनाएँ – भविष्यवाणी करती हैं कि राज्य के सुसमाचार पूरे ब्रह्माण्ड में फैल जाएंगे

सात गर्जनाएँ – भविष्यवाणी करती हैं कि राज्य के सुसमाचार पूरे ब्रह्माण्ड में फैल जाएंगे


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "केवल जब पूर्व की रोशनी धीरे-धीरे श्वेत रूप में परिवर्तित होगी तभी पूरी पृथ्वी पर अंधकार रोशनी में बदलने लगेगा, और केवल तभी लोगों को पता चलेगा कि मैं बहुत पहले इस्राएल से जा चुका हूं और एक नए रूप में पूर्व में उभर रहा हूं। एक बार इस्राएल में अवतरित होकर और फिर उसे छोड़कर, मैं फिर से इस्राएल में जन्म नहीं ले सकता, क्योंकि मेरा कार्य पूरे विश्व के लिए है, और इसके अलावा, रोशनी सीधे पूर्व से पश्चिम की ओर चमकती है।

सोमवार, 2 जुलाई 2018

मसीह के कथन "प्रतिज्ञाएं उनके लिए जो पूर्ण बनाए जा चुके हैं" | How to Get the Blessing of God(Hindi)

मसीह के कथन "प्रतिज्ञाएं उनके लिए जो पूर्ण बनाए जा चुके हैं" | How to Get the Blessing of God(Hindi)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "वे जो परमेश्वर द्वारा पूर्ण बनाए जाएंगे, उनमें से होंगे जो परमेश्वर की आशीषें और उसकी धरोहर पाएँगे। अर्थात्, वे वही ग्रहण करते हैं जो परमेश्वर के पास है और वह जो है, ताकि यह वह बन जाए जो उनके भीतर होता है; उनमें परमेश्वर के सारे वचन गढ़ दिए गए होंगे; परमेश्वर की हस्ती चाहे जैसी भी हो, तुम लोग उन सबको जैसा वे हैं बिल्कुल उसी रूप में ले पाओगे, इस प्रकार से सत्य में जीवन बिताते हैं। यह उस प्रकार का व्यक्ति है जो परमेश्वर द्वारा पूर्ण बनाया जाता है और परमेश्वर द्वारा अर्जित किया जाता है।"

रविवार, 1 जुलाई 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य एवं मनुष्य का रीति व्यवहार" (भाग एक)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य एवं मनुष्य का रीति व्यवहार" (भाग एक)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर के कार्य के प्रत्येक उदाहरण में ऐसे दर्शन हैं जिन्हें मनुष्य के द्वारा पहचाना जाना चाहिए, ऐसे दर्शन जिनका अनुसरण मनुष्य के प्रति परमेश्वर की उचित अपेक्षाओं के द्वारा किया जाता है। बुनियाद के रूप में इन दर्शनों के बिना, मनुष्य साधारण तौर पर रीति व्यवहार में असमर्थ होगा, और न ही मनुष्य बिना लड़खड़ाए परमेश्वर का अनुसरण करने के योग्य होगा।

रविवार, 24 जून 2018

परमेश्वर के कथन "अपनी मंज़िल के लिए तुम्हें अच्छे कर्मों की पर्याप्तता की तैयारी करनी चाहिए"

परमेश्वर के कथन "अपनी मंज़िल के लिए तुम्हें अच्छे कर्मों की पर्याप्तता की तैयारी करनी चाहिए"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "मेरी दया उन पर व्यक्त होती है जो मुझसे प्रेम करते हैं और अपने आपको नकारते हैं। और दुष्टों को मिला दण्ड निश्चित रूप से मेरे धार्मिक स्वभाव का प्रमाण है, और उससे भी बढ़कर, मेरे क्रोध का साक्षी है। जब आपदा आएगी, तो उन सभी पर अकाल और महामारी आ पड़ेगी जो मेरा विरोध करते हैं और वे विलाप करेंगे।

गुरुवार, 14 जून 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "जब तुम यीशु के आध्यात्मिक शरीर को देख रहे होगे ऐसा तब होगा जब परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी को नये सिरे से बना चुका होगा"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "जब तुम यीशु के आध्यात्मिक शरीर को देख रहे होगे ऐसा तब होगा जब परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी को नये सिरे से बना चुका होगा"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "यीशु का लौटना उन लोगों के लिए एक महान उद्धार है जो सत्य को स्वीकार करने में सक्षम हैं, परन्तु उनके लिए जो सत्य को स्वीकार करने में असमर्थ हैं यह निंदा का एक संकेत है। तुम लोगों को अपना स्वयं का रास्ता चुनना चाहिए, और पवित्र आत्मा के विरोध में ईशनिंदा नहीं करनी चाहिए और सत्य को अस्वीकार नहीं करना चाहिए।

सोमवार, 11 जून 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "सर्वशक्तिमान का आह भरना” | God's waiting of love

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "सर्वशक्तिमान का आह भरना” | God's waiting of love

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "मनुष्य, जिन्होंने सर्वशक्तिमान के जीवन की आपूर्ति को त्याग दिया, नहीं जानते हैं आखिर वे क्यों अस्तित्व में हैं, और फिर भी मृत्यु से डरते रहते हैं। इस दुनिया में, जहां कोई सहारा नहीं है, सहायता नहीं है, वहाँ बहादुरी के साथ, बिन आत्माओं की चेतना के शरीरों में एक अशोभनीय अस्तित्व को दिखाते हुए मनुष्य, अपनी आंखों को बंद करने में, अभी भी अनिच्छुक है।

रविवार, 10 जून 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन:"'सहस्राब्दि राज्य आ चुका है' के बारे में एक संक्षिप्त वार्ता"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन:"'सहस्राब्दि राज्य आ चुका है' के बारे में एक संक्षिप्त वार्ता"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "सहस्राब्दि राज्य के युग के दौरान, लोग पहले से ही पूर्ण बनाए जा चुके होंगे और उनके भीतर के भ्रष्ट स्वभाव को शुद्ध किया जा चुका होगा। उस समय, परमेश्वर के द्वारा कहे गए वचन क़दम-दर-क़दम लोगों का मार्गदर्शन करेंगे, और सृजन के समय से लेकर आज तक परमेश्वर के कार्य के सभी रहस्यों को प्रकाशित करेंगे, और उसके वचन प्रत्येक युग और प्रत्येक दिन परमेश्वर के कार्यों के बारे में लोगों को बताएँगे, बताएँगे कि कैसे वह भीतर उनका मार्गदर्शन करता है, उस कार्य के बारे में बताएँगे जो वह आध्यात्मिक क्षेत्र में करता है, और मनुष्य को आध्यात्मिक आयाम की गतिशीलता के बारे में बताएँगे। केवल तभी यह सचमुच में वचन का युग होगा; अभी यह केवल एक सूक्ष्म जगत है।"

शनिवार, 9 जून 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "राज्य का युग वचन का युग है (भाग दो)"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "राज्य का युग वचन का युग है (भाग दो)"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "राज्य के युग में, परमेश्वर नए युग की शुरूआत करने, अपने कार्य के साधन बदलने, और संपूर्ण युग में काम करने के लिये अपने वचन का उपयोग करता है। वचन के युग में यही वह सिद्धांत है, जिसके द्वारा परमेश्वर कार्य करता है।

शुक्रवार, 8 जून 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "राज्य का युग वचन का युग है (भाग एक)"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "राज्य का युग वचन का युग है (भाग एक)"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "राज्य के युग में, परमेश्वर नए युग की शुरूआत करने, अपने कार्य के साधन बदलने, और संपूर्ण युग में काम करने के लिये अपने वचन का उपयोग करता है। वचन के युग में यही वह सिद्धांत है, जिसके द्वारा परमेश्वर कार्य करता है।

रविवार, 27 मई 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "बुलाए हुए बहुत हैं, परन्तु चुने हुए कुछ ही हैं"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "बुलाए हुए बहुत हैं, परन्तु चुने हुए कुछ ही हैं"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "मैं अपने घर में उन सब को बुलाता हूँ जिन्हें मैंने पूर्वनियत किया है ताकि मेरे वचनों को सुनने के लिए उन्हें एक श्रोतागण बनाया जाए, और फिर उन सभी को अपने सिंहासन के सामने रखा जाए जो मेरे वचन का पालन करते हैं और मेरे वचन की अभिलाषा करते हैं। जो मेरे वचनों की ओर पीठ फेर लेते हैं, जो मेरी आज्ञा का पालन करने और मेरे प्रति समर्पण करने में असफल रहते हैं, और जो खुलकर मेरी अवहेलना करते हैं, वे अंतिम दण्ड की प्रतीक्षा करने के लिए एक ओर डाल दिए जाएँगे।

मंगलवार, 22 मई 2018

परमेश्वर के कथन "देहधारी परमेश्वर की सेवकाई और मनुष्य के कर्तव्य के बीच अंतर भाग एक" (भाग 2)

परमेश्वर के कथन "देहधारी परमेश्वर की सेवकाई और मनुष्य के कर्तव्य के बीच अंतर भाग एक" (भाग 2)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "चाहे देहधारी परमेश्वर बोले, कार्य करे, या चमत्कार प्रकट करे, वह अपने प्रबंधन के अंतर्गत महान कार्य कर रहा है, और इस प्रकार का कार्य उसके बदले मनुष्य नहीं कर सकता है। मनुष्य का कार्य केवल सृजन किए गए प्राणी के रूप में परमेश्वर के प्रबंधन के कार्य के किसी दिए गए चरण में सिर्फ़ अपना कर्तव्य करना है।

सोमवार, 21 मई 2018

परमेश्वर के कथन "देहधारी परमेश्वर की सेवकाई और मनुष्य के कर्तव्य के बीच अंतर भाग एक" (भाग 1)

परमेश्वर के कथन "देहधारी परमेश्वर की सेवकाई और मनुष्य के कर्तव्य के बीच अंतर भाग एक" (भाग 1)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "चाहे देहधारी परमेश्वर बोले, कार्य करे, या चमत्कार प्रकट करे, वह अपने प्रबंधन के अंतर्गत महान कार्य कर रहा है, और इस प्रकार का कार्य उसके बदले मनुष्य नहीं कर सकता है। मनुष्य का कार्य केवल सृजन किए गए प्राणी के रूप में परमेश्वर के प्रबंधन के कार्य के किसी दिए गए चरण में सिर्फ़ अपना कर्तव्य करना है।

गुरुवार, 10 मई 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "क्या परमेश्वर का कार्य इतना सरल है, जितना मनुष्य कल्पना करता है?"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "क्या परमेश्वर का कार्य इतना सरल है, जितना मनुष्य कल्पना करता है?"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "तुम सबों को देखना चाहिये कि परमेश्वर की इच्छा और कार्य आकाश और पृथ्वी के सृजन और अन्य सब वस्तुओं के सृजन के समान आसान नहीं हैं। आज का कार्य उन लोगों का रूपांतरण करना है जो भ्रष्ट हो चुके हैं, और अत्यधिक सुन्न हो चुके हैं, और उन्हें शुद्ध करना है जो सृजे जाने के बाद शैतान के अनुसार चले हैं, आदम और हव्वा के सृजन करना नहीं, ज्योति की सृष्टि या अन्य सभी पेड़ पौधों और पशुओं के सृजन की तो बात ही दूर है।

बुधवार, 9 मई 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "क्या त्रित्व का अस्तित्व है? (भाग 2)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "क्या त्रित्व का अस्तित्व है? (भाग 2)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा की यह अवधारणा सबसे बेतुकी है! यह परमेश्वर को खंडित करता और उसे तीन व्यक्तियों में विभाजित करता है, प्रत्येक एक ओहदे और आत्मा के साथ है; तो कैसे वह अब भी एक आत्मा और एक परमेश्वर हो सकता है? मुझे बताओ, आकाश और पृथ्वी, और उसके भीतर की सारी चीज़ें क्या पिता, पुत्र या पवित्र आत्मा के द्वारा बनाई गई थीं? कुछ लोग कहते हैं कि उन्होंने यह सब एक साथ बनाया।

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