चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ

(1)  सर्वशक्तिमान परमेश्वर की  कलीसिया  के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और  सर्वशक्तिमान परमेश्वर  की क...

गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020

अगर चमकती पूर्वी बिजली सच्चा मार्ग है, तो आप किस आधार पर इसको पक्का कर रहे हैं? हम प्रभु यीशु में इसलिए विश्वास करते हैं क्योंकि वे हमें बचा सकते हैं, लेकिन आप किस चीज़ से ये जांच रहे हैं कि चमकती पूर्वी बिजली सच्चा मार्ग है?

उत्तर: इस बात पर, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के विचार जानने के लिए, उनके वचनों के दो अंश पढ़ते हैं। सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "सच्चे मार्ग की तलाश करने में सबसे बुनियादी सिद्धान्त क्या है? तुम्हें देखना होगा कि क्या इसमें पवित्र आत्मा का कार्य है कि नहीं, क्या ये वचन सत्य की अभिव्यक्ति हैं या नहीं, किसके लिए गवाही देनी है, और यह तुम्हारे लिए क्या ला सकता है" ("वचन देह में प्रकट होता है" से "जो परमेश्वर को और उसके कार्य को जानते हैं केवल वे ही परमेश्वर को सन्तुष्ट कर सकते हैं")।
"ऐसी बात का अध्ययन करना कठिन नहीं है, परंतु हम में से प्रत्येक के लिए इस सत्य को जानने की अपेक्षा की जाती है: जो देहधारी परमेश्वर है, वह परमेश्वर का सार धारण करेगा, और जो देहधारी परमेश्वर है, वह परमेश्वर की अभिव्यक्ति धारण करेगा। चूँकि परमेश्वर देहधारी हुआ, वह उस कार्य को प्रकट करेगा जो उसे अवश्य करना चाहिए, और चूँकि परमेश्वर ने देह धारण किया, तो वह उसे अभिव्यक्त करेगा जो वह है, और मनुष्यों के लिए सत्य को लाने के समर्थ होगा, मनुष्यों को जीवन प्रदान करने, और मनुष्य को मार्ग दिखाने में सक्षम होगा। जिस शरीर में परमेश्वर का सार नहीं है, निश्चित रूप से वह देहधारी परमेश्वर नहीं है; इस बारे में कोई संदेह नहीं है। यह पता लगाने के लिए कि क्या यह देहधारी परमेश्वर है, मनुष्य को इसका निर्धारण उसके द्वारा अभिव्यक्त स्वभाव से और उसके द्वारा बोले वचनों से अवश्य करना चाहिए। कहने का अभिप्राय है, कि वह परमेश्वर का देहधारी शरीर है या नहीं, और यह सही मार्ग है या नहीं, इसे परमेश्वर के सार से तय करना चाहिए। और इसलिए, यह निर्धारित करने[क] में कि यह देहधआरी परमेश्वर का शरीर है या नहीं, बाहरी रूप-रंग के बजाय, उसके सार (उसका कार्य, उसके वचन, उसका स्वभाव और बहुत सी अन्य बातें) पर ध्यान देना ही कुंजी है" ("वचन देह में प्रकट होता है" के लिए प्रस्तावना)।

भाइयो और बहनो, अगर ये सच्चा मार्ग है, तो यह ज़रूर परमेश्वर के अपने कार्य से उपजी है। चूंकि यह परमेश्वर का अपना कार्य है, इसलिए निश्चित तौर पर यह सत्य की अभिव्यक्ति और पवित्र आत्मा का कार्य होगा। हमने चमकती पूर्वी बिजली के सच्चा मार्ग होने और सर्वशक्तिमान परमेश्वर के देहधारी परमेश्वर होने की गवाही इसलिए दी है, क्योंकि सर्वशक्तिमान परमेश्वर आये और उन्होंने सत्य के कई पहलू व्यक्त किये, मानवजाति के साथ न्याय करने और उसका शुद्धिकरण करने का कार्य किया, और अंत के दिनों में मानवजाति के शुद्धिकरण और बचाव की परमेश्वर की कार्य योजना को पूरा किया।

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "इस समय जब परमेश्वर देहधारी हुआ, तो उसका कार्य, प्राथमिक रूप में ताड़ना और न्याय के द्वारा, अपने स्वभाव को व्यक्त करना है। इसे नींव के रूप में उपयोग करके वह मनुष्य तक अधिक सत्य को पहुँचाता है, अभ्यास करने के और अधिक मार्ग दिखाता है, और इस प्रकार मनुष्य को जातने और मनुष्य को उसके भ्रष्ट स्वभाव से बचाने के अपने उद्देश्य को प्राप्त करता है। राज्य के युग में परमेश्वर के पीछे यही निहित है" ("वचन देह में प्रकट होता है" के लिए प्रस्तावना)।

"न्याय और ताड़ना के इस कार्य के माध्यम से, मनुष्य अपने भीतर के गन्दे और भ्रष्ट सार को पूरी तरह से जान जाएगा, और वह पूरी तरह से बदलने और स्वच्छ होने में समर्थ हो जाएगा। केवल इसी तरीके से मनुष्य परमेश्वर के सिंहासन के सामने वापस लौटने में समर्थ हो सकता है। वह सब कार्य जिसे आज किया गया है वह इसलिए है ताकि मनुष्य को स्वच्छ और परिवर्तित किया जा सके; वचन के द्वारा न्याय और ताड़ना के और साथ ही शुद्धिकरण के माध्यम से, मनुष्य अपनी भ्रष्टता को दूर फेंक सकता है और उसे शुद्ध किया जा सकता है। इस चरण के कार्य को उद्धार का कार्य मानने के बजाए, कहना कहीं अधिक उचित होगा कि यह शुद्ध करने का कार्य है" ("वचन देह में प्रकट होता है" से"देहधारण का रहस्य (4)")।

अंत के दिनों के सर्वशक्तिमान परमेश्वर सत्य व्यक्त करते हैं, वे मानवजाति के शुद्धिकरण और न्याय का कार्य पूरा करते हैं। वे परमेश्वर का ज्ञान और उद्धार प्राप्त करने की खातिर मनुष्य के लिए ज़रूरी सभी सत्य व्यक्त करते हैं, और मानवजाति के लिए परमेश्वर की प्रबंधन योजना के सारे रहस्य उजागर करते हैं। मिसाल के तौर पर, परमेश्वर की 6,000-साल की प्रबंधन योजना का लक्ष्य, परमेश्वर की कार्यनीतियाँ, उनके तीन चरणों के कार्य की अंदरूनी कहानी, परमेश्वर के देहधारी होने का रहस्य और उसका अर्थ, मानवजाति ने आज तक विकास कैसे किया और उसके भविष्य की मंजिल क्या है, बाइबल का सत्य, परमेश्वर के नामों का अर्थ, वगैरह-वगैरह, ऐसे सारे रहस्य जो मानवजाति के लिए अथाह हैं! सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन मानवजाति के भ्रष्ट सार और उसके भ्रष्ट आचरण के मूल को पूरी तरह से उजागर करते हैं। इस तरह से मनुष्य को परमेश्वर के वचनों के सख्त न्याय के बीच, अपने घमंड, स्वार्थ और घिनौने स्वभाव जैसी खुद की भ्रष्ट कुरूपता का सच्चा ज्ञान होता है। तभी मनुष्य सत्य को समझ पाता है, वह परमेश्वर के धार्मिक स्वभाव को समझ पाता है और उसके मन में परमेश्वर के प्रति सम्मान पैदा होता है। उन सबका जीवन स्वभाव अलग-अलग तरह से बदल जाता है, और वे धीरे-धीरे दिन में पाप करने और रात में उसे स्वीकार करने की गुमराह स्थिति से बाहर निकलने लगते हैं। इससे साबित होता है कि सर्वशक्तिमान परेश्वर का कार्य ही सच्चा मार्ग है, और यह कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन ही सत्य, मार्ग और जीवन हैं, अधिकार और सामर्थ्य से भरपूर, और मनुष्य को पूरी तरह से शुद्ध करके उसे बचा सकते हैं। वरना, परमेश्वर के सिवाय और कौन मनुष्य को पाप के बंधनों से छूटने में मदद कर सकता है? परमेश्वर के अलावा, और कौन हज़ारों साल से दबे हुए रहस्यों को उजागर कर सकता है?

सिर्फ़ परमेश्वर ही सत्य, मार्ग और जीवन हैं। सिर्फ परमेश्वर ही मनुष्य को अनंत जीवन का मार्ग दिखा सकते हैं। सिर्फ अंत के दिनों के मसीह द्वारा व्यक्त सत्य को स्वीकार करके ही हम अनंत उद्धार प्राप्त कर सकते हैं! आइए, एक बार फिर से सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन पर नज़र डालें।

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "परमेश्वर स्वयं ही जीवन है, सत्य है, और उसका जीवन और सत्य साथ ही साथ रहते हैं। जो सत्य को प्राप्त करने में असफल रहते हैं वे कभी भी जीवन को प्राप्त नहीं कर सकते। बिना मार्गदर्शन, सहायता और सत्य के प्रावधान के तुम केवल संदेश, सिद्धांत और मृत्यु को ही प्राप्त करोगे। परमेश्वर का जीवन सतत विद्यमान है, और उसका सत्य और जीवन एक साथ उपस्थित रहते हैं। यदि तुम सत्य के स्रोत को नहीं प्राप्त कर पाते, तो तुम जीवन के पोषण को प्राप्त नहीं कर पाओगे; यदि तुम जीवन के प्रावधान को प्राप्त नहीं कर सकते तो तुम्हारे जीवन में निश्चय ही सत्य नहीं होगा, और इसलिए कल्पनाओं और धारणाओं से दूरी होगी, तुम्हारी सम्पूर्ण देह केवल देह होगी, तुम्हारी घिनौनी देह। ध्यान रखो कि किताबों की बातें जीवन के तौर पर नहीं गिनी जाती हैं, इतिहास के लेखों को सत्य के रूप में चित्रित नहीं किया जा सकता, और अतीत के सिद्धांत आज के समय में परमेश्वर के द्वारा कहे गए वचनों का लेखा-जोखा नहीं माने जा सकते। केवल वही बात जो परमेश्वर ने पृथ्वी पर आकर और लोगों के बीच रहकर कही है, सत्य, जीवन, परमेश्वर की इच्छा है और कार्य करने का असली तरीका है" ("वचन देह में प्रकट होता है" से "केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है")।

"अंतिम दिनों का मसीह जीवन लेकर आता, और सत्य का स्थायी एवं अनन्त मार्ग प्रदान करता है। इसी सत्य के मार्ग के द्वारा मनुष्य जीवन को प्राप्त करेगा, और एक मात्र इसी मार्ग से मनुष्य परमेश्वर को जानेगा और परमेश्वर का अनुमोदन प्राप्त करेगा। यदि तुम अंतिम दिनों के मसीह के द्वारा प्रदान किए गए जीवन के मार्ग को नहीं खोजते हो, तो तुम कभी भी यीशु के अनुमोदन को प्राप्त नहीं कर पाओगे और कभी भी स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने के योग्य नहीं बन पाओगे क्योंकि तुम इतिहास के कठपुतली और कैदी दोनों हो। जो लोग नियमों, संदेशों के नियंत्रण में हैं और इतिहास की ज़ंजीरों में जकड़े हुए हैं वे कभी भी जीवन को प्राप्त नहीं कर सकते हैं, और कभी भी सतत जीवन के मार्ग को प्राप्त करने के योग्य नहीं बन सकते हैं। क्योंकि सिंहासन से प्रवाहित जीवन जल की अपेक्षा, उनके भीतर मैला पानी भरा है जो हज़ारों सालों से वहीं ठहरा हुआ है, जिनके पास जीवन का जल नहीं है वे हमेशा के लिए एक लाश, शैतान के खेलने की वस्तु और नरक की संतान बन जाएंगे …" ("वचन देह में प्रकट होता है" से "केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है")।

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन और कार्य वह उद्धार है, जो परमेश्वर अंत के दिनों में मानवजाति को देते हैं। अंत के दिनों में मानवजाति के लिए परमेश्वर से उद्धार पाने का यही एक रास्ता है। धर्मग्रंथों में कहा गया है, जो परमेश्वर से आयेगा वो बढ़ेगा, जो मनुष्य से आयेगा वो घटेगा। सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने करीब 20 साल पहले ही अपना कार्य शुरू किया था। दुष्ट सीसीपी और पूरी धार्मिक दुनिया के घोर विरोध और उत्पीड़न के बावजूद, परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार एक अविरल उफनती हुई लहर की तरह है। यह अब न सिर्फ पूरे मुख्यभूमि चीन में फ़ैल चुका है, बल्कि दुनिया भर के कई देशों तक पहुँच चुका है। यह अब तमाम देशों और क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर फ़ैल रहा है। परमेश्वर के प्रकटन के प्यासे ज्यादा-से-ज़्यादा लोग एक-एक करके सर्वशक्तिमान परमेश्वर के घर आ गये हैं। यह तथ्य कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार लगातार दमन के बावजूद पूरी मानवजाति में फ़ैल चुका है, पवित्र आत्मा के कार्य का अकाट्य प्रमाण है, जो ये सिद्ध करता है कि "जो परमेश्वर से आयेगा, वो बढ़ेगा," और मानवजाति को यह गवाही भी देता है कि: सर्वशक्तिमान परमेश्वर, प्रभु यीशु का दूसरा आगमन हैं। चमकती पूर्वी बिजली सच्चा मार्ग है।

"तोड़ डालो अफ़वाहों की ज़ंजीरें" फ़िल्म की स्क्रिप्ट से लिया गया अंश

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