चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ

(1)  सर्वशक्तिमान परमेश्वर की  कलीसिया  के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और  सर्वशक्तिमान परमेश्वर  की क...

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गुरुवार, 18 अक्तूबर 2018

ओहदा खोने के बाद ...

उद्धार, मसीह के न्याय के अनुभव की गवाहियाँ, परमेश्वर की इच्छा

3. ओहदा खोने के बाद ...

हुईमीन जियाओजूओ शहर, हेनान प्रदेश
हर बार जब मैं किसी को बदले जाने और इस कारण उनके दुखी, कमजोर या रुष्ट होने और उनके अनुसरण न करने की घटना को देखती थी या इस बारे मेँ सुनती थी तो ऐसे लोगों के प्रति मेरे मन मेँ निरादर का भाव आ जाता था। मैं सोचती थी कि यह सब इससे अधिक कुछ नहीं है कि कलीसिया के अंतर्गत अलग-अलग लोगों के अलग-अलग कार्य कलाप हैं, यहाँ उच्च और निम्न मेँ कोई भेद नहीं है और हम सब परमेश्वर की संतति हैं तथा ऐसा कुछ भी नहीं है जिसको हम तुच्छ समझें। अत: मैं सोचती थी कि चाहें हम नए विश्वासियों की देख-रेख कर रहे हैं या किसी जनपद का नेतृत्व हमारे हाथ मेँ है; मैने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरा पूरा ध्यान ओहदे पर ही केंर्दित था, क्या मै इस तरह की सोच वाली व्यक्ति थी। मैं असंख्य वर्षों तक यह मानने के लिए सहमत नहीं होती कि अपनी बदली होने पर मैं ऐसा कोई शर्मनाक व्यवहार करूंगी...।

बुधवार, 17 अक्तूबर 2018

अपनी असलियत की सही पहचान

उद्धार, मसीह के न्याय के अनुभव की गवाहियाँ

2. अपनी असलियत की सही पहचान

शाओशाओ शूझाऊ शहर, ज़िआंग्सु प्रांत
चर्च के काम-काज की आवश्यकताओं के कारण, मुझे अपने कर्तव्य के निर्वाह के लिए एक दूसरे स्थान पर भेजा गया था। उस समय, उक्त स्थान पर सुसमाचार का कार्य संतोषजनक स्थिति मेँ नहीं था और भाइयों और बहनों की स्थिति समान्यतया अच्छी नहीं थी। लेकिन चूंकि मुझे पवित्र आत्मा का सानिध्य प्राप्त था, प्रतिकूल अवस्था के बावजूद भी मैंने सभी सौंपे हुए कार्य को पूर्ण आत्मविश्वास के साथ हाथ मेँ लिया। सुपुर्द कार्य को स्वीकार करने के बाद, मैंने पूर्ण दायित्व बोध, सम्पूर्ण प्रबुद्धता का अनुभव किया और यह भी सोचा कि मुझमें पर्याप्त इच्छा शक्ति है। मुझे विश्वास था कि मैं समर्थ हूँ और इस दायित्व का निष्पादन भली भाँति कर सकती हूँ।

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