चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ

(1)  सर्वशक्तिमान परमेश्वर की  कलीसिया  के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और  सर्वशक्तिमान परमेश्वर  की क...

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शनिवार, 27 अप्रैल 2019

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य को स्वीकार करने की वास्तविक-जीवन की गवाहियाँ, परमेश्वर के सिंहासन के सामने स्वर्गारोहित होना, और प्रभु के साथ भोज में शामिल होना

संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:
"फिर मैं ने बड़ी भीड़ का सा और बहुत जल का सा शब्द, और गर्जन का सा बड़ा शब्द सुना: “हल्‍लिलूय्याह! क्योंकि प्रभु हमारा परमेश्‍वर सर्वशक्‍तिमान राज्य करता है। आओ, हम आनन्दित और मगन हों, और उसकी स्तुति करें, क्योंकि मेम्ने का विवाह आ पहुँचा है, और उसकी दुल्हिन ने अपने आप को तैयार कर लिया है। उसको शुद्ध और चमकदार महीन मलमल पहिनने का अधिकार दिया गया”-क्योंकि उस महीन मलमल का अर्थ पवित्र लोगों के धर्म के काम है" (प्रकाशितवाक्य 19:6-8)।

बुधवार, 3 अप्रैल 2019

2. अगर कोई केवल परमेश्वर के अनुग्रह का आनंद लेता है, तो क्या यह परमेश्वर पर विश्वास की वास्तविक गवाही है?

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2. अगर कोई केवल परमेश्वर के अनुग्रह का आनंद लेता है, तो क्या यह परमेश्वर पर विश्वास की वास्तविक गवाही है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
शांतिमय पारिवारिक जीवन या भौतिक आशीषों के साथ, यदि तुम केवल परमेश्वर के अनुग्रह का आनंद लेते हैं, तो तुमने परमेश्वर को प्राप्त नहीं किया है, और परमेश्वर में तुम्हारा विश्वास पराजित हो गया है। परमेश्वर ने शरीर में अनुग्रह के कार्य के एक चरण को पहले ही पूरा कर लिया है, और मनुष्य को भौतिक आशीषें प्रदान कर दी हैं - परंतु मनुष्य को केवल अनुग्रह, प्रेम और दया के साथ सिद्ध नहीं किया जा सकता। मनुष्य के अनुभवों में वह परमेश्वर के कुछ प्रेम का अनुभव करता है, और परमेश्वर के प्रेम और उसकी दया को देखता है, फिर भी कुछ समय तक इसका अनुभव करने के बाद वह देखता है कि परमेश्वर का अनुग्रह और उसका प्रेम और उसकी दया मनुष्य को सिद्ध बनाने में असमर्थ हैं, और उसे प्रकट करने में भी असमर्थ है जो मनुष्य में भ्रष्ट है, और न ही वे मनुष्य के भ्रष्ट स्वभाव से उसे आज़ाद कर सकते हैं, या उसके प्रेम और विश्वास को सिद्ध बना सकते हैं। परमेश्वर का अनुग्रह का कार्य एक अवधि का कार्य था, और मनुष्य परमेश्वर को जानने के लिए परमेश्वर के अनुग्रह का आनंद उठाने पर निर्भर नहीं रह सकता।

"वचन देह में प्रकट होता है" से "केवल पीड़ादायक परीक्षाओं का अनुभव करने के द्वारा ही तुम परमेश्वर की मनोहरता को जान सकते हो" से

रविवार, 23 दिसंबर 2018

3. हर किसी को अनुग्रह के युग में पश्चाताप के मार्ग और अंतिम दिनों में अनन्त जीवन के मार्ग के बीच रहे अंतर को अवश्य पहचानना चाहिए।

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3. हर किसी को अनुग्रह के युग में पश्चाताप के मार्ग और अंतिम दिनों में अनन्त जीवन के मार्ग के बीच रहे अंतर को अवश्य पहचानना चाहिए।

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"यदि कोई मेरी बातें सुनकर न माने, तो मैं उसे दोषी नहीं ठहराता; क्योंकि मैं जगत को दोषी ठहराने के लिये नहीं, परन्तु जगत का उद्धार करने के लिये आया हूँ। जो मुझे तुच्छ जानता है और मेरी बातें ग्रहण नहीं करता है उसको दोषी ठहरानेवाला तो एक है: अर्थात् जो वचन मैं ने कहा है, वही पिछले दिन में उसे दोषी ठहराएगा" (यूहन्ना 12:47-48)।
"जो मुझ से, 'हे प्रभु! हे प्रभु!' कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है" (मत्ती 7:21)।

शनिवार, 22 दिसंबर 2018

2. हर किसी को यह समझना चाहिए कि अंतिम दिनों में परमेश्वर द्वारा व्यक्त की गई सारी सच्चाई अनन्त जीवन का मार्ग है।

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2. हर किसी को यह समझना चाहिए कि अंतिम दिनों में परमेश्वर द्वारा व्यक्त की गई सारी सच्चाई अनन्त जीवन का मार्ग है।

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा" (यूहन्ना 16:12-13)।
"जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है। जो जय पाए, उस को दूसरी मृत्यु से हानि न पहुँचेगी" (प्रकाशितवाक्य 2:11)।

शुक्रवार, 21 दिसंबर 2018

1. हर किसी को यह समझना चाहिए कि प्रभु यीशु द्वारा अनुग्रह के युग में फैलाया गया संदेश केवल पश्चाताप का मार्ग था।

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1. हर किसी को यह समझना चाहिए कि प्रभु यीशु द्वारा अनुग्रह के युग में फैलाया गया संदेश केवल पश्चाताप का मार्ग था।

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:

"मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आया है" (मत्ती 4:17)।

"क्योंकि यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिये fपापों की क्षमा के निमित्त बहाया जाता है" (मत्ती 26:28)।

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