चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ

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शुक्रवार, 2 अगस्त 2019

धर्मोपदेश और संगति: अंत के दिनों का न्याय का परमेश्वर का कार्य विजेताओं का एक समूह बनाता है

परमेश्वर अंत के दिनों में जिस पर न्याय का कार्य करेंगे सिर्फ वही सच्चा विजेता बन सकता है। सर्वशक्तिमान परमेश्वरअंत के दिनों में इंसानी रूप लेकर गुप्त तरीके से चीन पहुंचे। जहां वे परमेश्वर के धाम से शुरू होने वाला न्याय का कार्य करते हैं। सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने इंसान को शुद्ध करने और बचाने के लिये सारे सत्य व्यक्त किये हैं। वे इंसान की भ्रष्टता की सच्चाई और उसकी शैतानी प्रकृति का भी न्याय करते और उसे उजागर करते हैं जो परमेश्वर-विरोधी है। वे इंसान के सामने अपमान सहन न करने वाले परमेश्वर के धार्मिक स्वभाव, उनकी सर्वज्ञता और ज्ञान को प्रकट करते हैं। परमेश्वर के वचन के न्याय, ताड़ना, छँटाई, बर्ताव, परीक्षण और शुद्धिकरण के अनुभव के बाद, हमें शैतान द्वारा हमारे अति दूषण की बदसूरती, सार और सच्चाई का अहसास होता है। हम अहंकारी, दंभी और महत्वाकांक्षी हैं और बिना सोचे-समझे फैसले लेते हैं। हम स्वार्थी, नीच, कुटिल और धोखेबाज हैं। हमें सत्य से घृणा है। परमेश्वर के बारे में हमने अपनी धारणा और कल्पना बना रखी है, और हम किसी भी समय उनका विरोध करते हैं और उन्हें धोखा दे सकते हैं। हम परमेश्वर विरोधी शैतान के वंशज हैं। हम बिल्कुल भी परमेश्वर का उद्धार पाने और उनके सामने रहने लायक नहीं हैं। साथ ही हमें ये भी लगा कि परमेश्वर के वचन सत्य हैं, हम इन्हें पूरी तरह से मानते हैं, इनके सामने झुकते हैं। हमें ये भी लगा कि परमेश्वर की पवित्रता को न तो अशुद्ध और न ही उनके स्वभाव को अपमानित किया जा सकता है। यह हमारे अंदर परमेश्वर के लिये सच्ची श्रद्धा पैदा करता है, ताकि हम उनकी आज्ञापालन कर पाएं और उनके वचनों के मुताबिक जी पाएं। परमेश्वर के न्याय और ताड़ना की प्रक्रिया के दौरान, हम शैतान के काले असर पर काबू पाने के बहुत-से ज़बर्दस्त साक्ष्य देते हैं। ख़ास तौर से, ऐसे लोग हैं जिन्होंने सीसीपी सरकार के क्रूर अत्याचार के बीच गवाही दी है। ये सारी गवाही अंत के दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के न्याय के कार्य का फल हैं। परमेश्वर ने मुख्यभूमि चीन में विजेताओं का एक समूह बनाया है और यह तथ्य है और इसके ठोस सबूत हैं।
"संकट में स्वर्गारोहण" फ़िल्म की स्क्रिप्ट से लिया गया अंश

अनुग्रह के युग के दौरान, लोग सोचते थे कि "यदि हम सिर्फ़ बाइबल की एक प्रतिलिपि साथ रखते हैं और प्रभु यीशु के छुटकारे को स्वीकार करते हैं, तो हमारी पूरी तरह से शुद्धि हो जाएगी।" क्या उनकी, वास्तव में, शुद्धि हो गई थी? बिल्कुल नहीं। उन्हें केवल उनके पापों के लिए क्षमा किया गया था; उनकी आत्माओं की गहराई में अवज्ञा और अनादर, और उनकी शैतानी प्रकृति की शुद्धि नहीं की गई थी। अनुग्रह के युग का कार्य छुटकारे के कार्य से ज्यादा कुछ नहीं था, इसका लोगों को बचाने या उन्हें सिद्ध बनाने में कोई प्रभाव नहीं था, और इस प्रकार परमेश्वर ने अंत के दिनों का कार्य किया, उसने न्याय और ताड़ना का कार्य किया। इसके अलावा अन्य कोई कार्य लोगों को बचा नहीं और सिद्ध नहीं बना सकता है। परमेश्वर का न्याय और उसकी ताड़ना का अनुभव किए बिना, क्या हम आज यहाँ होते? क्या हम अभी यहाँ बैठे होते? परमेश्वर के न्याय और ताड़ना के बिना, हममें से अधिकांश अभी भी धार्मिक दुनिया में होते, या अविश्वासियों की दुनिया में घूम रहे होते। क्या ऐसा नहीं है? इसलिए, यह अंत के दिनों का परमेश्वर का न्याय और उसकी ताड़ना है जो हमें आज तक लाया है और जिसने आज हमें परमेश्वर के सामने रहने का सौभाग्य दिया है, परमेश्वर के घर में अपना कर्तव्य करने, और अडिग बने रहने में समर्थ होने दिया है। विशेष रूप से अंत के दिनों के दौरान, बड़े लाल अजगर, उस जानवर, के उत्पीड़न के सामने, परमेश्वर के कार्य के बिना परमेश्वर के चुने हुए लोगों में से कोई भी प्रबल होने में समर्थ नहीं होता, उन्हें बड़े लाल अजगर द्वारा बहुत समय पहले ही निगल लिया और मार डाला गया होता। परन्तु जिस परमेश्वर में हम विश्वास करते हैं वह वास्तव में सर्वसमर्थ परमेश्वर है जो सभी चीजों पर शासन करता है, और वह अपने चुने हुए लोगों को सिद्ध बनाने के काम में हर व्यक्ति, वस्तु, और पदार्थ का कुशलता से उपयोग करता है, जिसे हम अपने अनुभवों के माध्यम से स्पष्ट रूप से देखते हैं। इस प्रकार यह चीन में, बड़े लाल अजगर द्वारा शासित इस देश में, इस अंधकारमय और भयानक परिवेश में है कि, परमेश्वर के चुने हुए लोग, परमेश्वर का अनुसरण करते हुए, एक हृदय वाले, अपने प्रयासों में एकजुट, अटल हो पाते हैं। क्या यह परमेश्वर के कार्य का प्रभाव नहीं है? यह कहा जा सकता है कि आज, परमेश्वर के चुने हुए लोग एक हृदय और महान विश्वास वाले हैं। उनमें से हर एक का विश्वास पहले की तुलना में कहीं अधिक ऊँचा उमड़ रहा है, वे पूरी तरह से परमेश्वर के हाथों में अपना जीवन छोड़ देते हैं, वे अपने आप को परमेश्वर की दया पर छोड़ देते हैं और बिल्कुल अंत तक परमेश्वर का अनुसरण करते हैं, और अधिकांश, अपने जीवन के बारे में सोचे बिना, दृढ़ हृदय से परमेश्वर का अनुसरण करते हैं! ऐसे लोग स्पष्ट रूप से वे विजेता हैं जिन्हें अंत के दिनों में परमेश्वर ने बनाया है, जिसने प्रकाशितवाक्य की पुस्तक की 144,000 विजयी पुरुष संतानों की भविष्यवाणी को पूरा किया है। 144,000 विजयी पुरुष सन्तान इस समूह से बने हैं। क्या यह परमेश्वर की महान सामर्थ्य नहीं है? बड़े लाल अजगर की नज़रों में, इस समूह को मार गिराया गया है, वे गायब हो गए हैं, वे अब और अस्तित्व में नहीं हैं—किन्तु वे वास्तव में भूमिगत छिपे हुए, अदृश्य, पहले से अधिक मजबूत हैं, और वे परमेश्वर के लिए स्वयं को व्यय कर रहे हैं, और परमेश्वर के प्रति वफादार हैं—जो बड़े लाल अजगर के लिए अकल्पनीय है। अतीत में, खुदाई में निकली सम्राट क़िन शिहुआंग की भूमिगत सेना के साथ चीन में दुनिया के सबसे महान "चमत्कारों" में से एक की खोज हुई थी। इसे "दुनिया का आठवाँ आश्चर्य" कहा गया था। उसकी भूमिगत सेना क्या थी? मिट्टी और लकड़ी की नक्काशी के अलावा कुछ नहीं। वे मृत लोग थे, और उन्हें एक चमत्कार कहा गया। आज, परमेश्वर के चुने हुए लोगों को पूर्ण कर लिया गया है, वे वास्तविक हैं, जीवित प्राणी हैं, वे सच्ची गवाही हैं, वे परमेश्वर द्वारा सिद्ध बनाए गए हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी, जैसा कि बड़ा लाल अजगर कहता है, इस्पात से बनी है—किन्तु हम हीरे से बने हैं। आज, परमेश्वर के चुने हुए लोगों को पूर्ण कर लिया गया है और उन्होंने सच्चा जीवन प्राप्त कर लिया है। यह जीवन किससे बना है? यह परमेश्वर के वचनों से बना है। परमेश्वर के वचनों में व्यक्त किए गए सभी सत्य हमारी आस्था, हमारा प्रेम, हमारी वास्तविकता बन गए हैं—और इसलिए अंत के दिनों के दौरान, परमेश्वर ने अंततः लोगों का एक समूह बना दिया है, उसने लोगों के एक समूह को सिद्ध बना दिया है जो उसके साथ एक हृदय और मन वाले हैं।
जीवन में प्रवेश पर धर्मोपदेश और संगति (X) में "परमेश्वर के वचन 'परमेश्वर को जानना परमेश्वर का भय मानने और बुराई से दूर रहने का मार्ग है' (II) के बारे में धर्मोपदेश और संगति" से

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