चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ

(1)  सर्वशक्तिमान परमेश्वर की  कलीसिया  के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और  सर्वशक्तिमान परमेश्वर  की क...

मंगलवार, 17 अक्तूबर 2017

तुझे अपने भविष्य मिशन से कैसे निपटना चाहिए

क्या तू परमेश्वर के किसी युग विशिष्ट स्वभाव को ऐसी उचित भाषा में अभिव्यक्त कर सकता है जिसका युग में महत्व हो? परमेश्वर के कार्य के अपने अनुभव से, क्या तू परमेश्वर के स्वभाव का वर्णन विस्तार से कर सकता है? तू कैसे सटीक रूप से, उचित रूप से उसका वर्णन कर सकता है? जिसके माध्यम से, दूसरे तेरे अनुभवों के बारे में सीख सकें। तू दयनीय, बेचारे और धार्मिकता के भूखे प्यासे धर्मी भक्त विश्वासियों के साथ, जो तेरी चरवाही की आस लगाए बैठे हैं, अपने दर्शनों और अनुभवों को कैसे बांटेगा?
किस प्रकार के पात्र तेरी प्रतीक्षा में हैं कि तू उनकी चरवाही करे? क्या तू कल्पना कर सकता है? क्या तू अपने कधों पर बोझ, अपना महान अदेश और अपनी उत्तरदायित्व के प्रति जागृत है? मिशन के प्रति तेरा ऐतिहासिक एहसास कहाँ चला गया? तू अगली पीढ़ी के वास्ते एक अच्छे गुरु समान, कैसे सेवा दे पाएगा? क्या तुझमें गुरुपन का बहुत गंभीरता से एहसास है? तू समस्त पृथ्वी के गुरु का वर्णन कैसे करेगा? क्या वह वास्तव में संसार की समस्त सजीवों और वस्तुओं का गुरु है? कार्य को बढ़ाने हेतु योजनाओं में तुम्हारा अगला कदम क्या है? तुझे चरवाहे के रूप में देखने हेतु कितने लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं? क्या तेरा कार्य काफी कठिन सा है? वे लोग दीन-दुखी, दयनीय, अंधे, सब खो चुके हुए, अंधकार में विलाप कर रहे हैं, “मार्ग कहां है?” उनमें ज्योति, जैसे गिरते हुए तारे, के लिए कैसी ललक है कि वह नीचे आकर उस अंधकार की शक्ति को तितर बितर करे, जिसने कई वर्षों से मनुष्यों का दमन किया है। कौन जान सकता है कि वे कैसे उत्सुकतापूर्वक आशा करते हैं और कैसे वे दिन-रात इसके लिए लालायित रहते हैं? ये लोग जो बुरी तरह से सताए जाते हैं, अंधकार के जेल में कैद रहते हैं, छूटने की आशा के बिना, उस दिन भी जब किरण चमकती है; वे कब रोना बंद करेंगे? ये दुर्बल आत्माएं, जिन्हें विश्राम की अनुमति ही नहीं दी गयी, सच में दुर्भाग्य से पीड़ित हैं। वे सदियों से क्रूर रस्सियों के बधंन में हैं, और इतिहास में उनको जमी हुई बर्फ के समान मुहरबंद करके रखा गया है। किसने उनके कराहने की आवाज को कभी सुना है? किसने उनके दयनीय चेहरे को कभी देखा है? क्या तूने कभी सोचा है कि परमेश्वर का हृदय कितना व्याकुल और चिंतित है? जिसे उसने अपने हाथों से रचा उस निर्दोष मानव जाति को ऐसी पीड़ा में दुख उठाते हुए देखकर वह कैसे सह सकता है? वैसे भी मानव जाति तो वह दुर्भाग्यशाली है जिस पर विष प्रयोग किया गया है। यद्यपि वे आज के दिन तक जीवित हैं, कौन यह सोच सकता था कि उन्हें लंबे समय से उस दुष्टात्मा द्वारा विष दिया गया है? क्या तू भूल चुका है कि तू शिकार हुए लोगों मे से एक है? परमेश्वर के लिए अपने प्रेम के खातिर, क्या तू उन्हें बचाने को इच्छुक नहीं है जो जीवित बच गए हैं? क्या तू उस परमेश्वर को कीमत चुकाने हेतु अपना सारा जोर लगाने के लिए इच्छुक नहीं है जो मनुष्य को अपने शरीर और लहू के समान प्रेम करता है? तू एक असाधारण जीवन व्यतित करने के लिए परमेश्वर द्वारा प्रयोग में लाए जाने की कैसे व्याख्या करता है? क्या सच में तुझमें एक धार्मिक, परमेश्वर की सेवा करने वाले, एक अर्थपूर्ण जीवन यापन करने का सकंल्प और विश्वास है?

कलीसिया क्या है | सच्चे चर्च का पता लगाएं। ईसाइयों के लिए अवश्य पढ़ें |

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