शियांगवांग, मलेशिया
छोटी आयु से ही मैं अपनी मॉम के साथ, जो कि कलीसिया की उपयाजक और संडे स्कूल की शिक्षक हैं, प्रभु में विश्वास रखा है। मॉम के साथ मैं अक्सर सभाओं में जाकर बाइबल पढ़ती थी। जैसे-जैसे मैं बड़ी हुई, मैं बच्चों के ग्रुप से किशोरों के ग्रुप में आ गयी।