परमेश्वर के दैनिक वचन "देह की चिन्ता करने वालों में से कोई भी कोप के दिन से नहीं बच सकता है" (अंश 1)
आज, मैं तुम लोगों के स्वयं के जीवित रहने के वास्ते तुम लोगों को इस प्रकार से धिक्कारता हूँ, ताकि मेरा कार्य सुचारू रूप से प्रगति करे, और सम्पूर्ण जगत में मेरा आरंभिक कार्य, मेरे वचनों, अधिकार, प्रताप और मेरे न्याय को सभी देशों और राष्ट्रों के लोगों के लिए प्रकट करते हुए, और भी अधिक उचित ढंग से और पूरी तरह से किया जा सके।