पतरस के सारे अनुभवों के दौरान, उसने सैकड़ों परीक्षाओं को सहन किया। हालांकि लोग अब ‘परीक्षा’ शब्द के बारे में जानते हैं, लेकिन वे उसके सच्चे अर्थ या परिस्थितियों को बिल्कुल नहीं समझते हैं। परमेश्वर मनुष्य के संकल्प को बेहतर बनाता है, उसके आत्मविश्वास को परिष्कृत करता है, और उसके हर हिस्से को उत्तम बनाता है, और वो ज्यादातर इसे परीक्षाओं के माध्यम से हासिल करता है। परीक्षा, पवित्र आत्मा का छिपा कार्य भी है। ऐसा लगता है कि परमेश्वर ने मनुष्य को त्याग दिया है, और इसलिए,यदि मनुष्य सावधान न हो तो उन्हें शैतान के प्रलोभन के रूप में देखेगा। वास्तव में, कई परीक्षाओं को प्रलोभन माना जा सकता है, और यह परमेश्वर के काम का सिद्धांत और नियम है। यदि मनुष्य वास्तव में परमेश्वर के सामने रहता है, तो वह उन्हें परमेश्वर की परीक्षाओं के रूप में देखेगा और उनमें चूक नहीं करेगा।
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।
菜单
!doctype>
सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ
(1) सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की क...
अनुभव पर लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
अनुभव पर लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
Popular Posts
-
129-A-1 आओ, हम परमेश्वर के इन वचनों को पढ़ें," परमेश्वर सम्पूर्ण मानवजाति के भाग्य का नियन्ता है" मानवजाति का सदस्य और सच...
-
"जो जय पाए उसे मैं अपने परमेश्वर के मन्दिर में एक खंभा बनाऊँगा, और वह फिर कभी बाहर न निकलेगा; और मैं अपने परमेश्वर का नाम और अपने...