चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु का दूसरा आगमन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं। हम सभी सत्य-के-साधकों का यहाँ आने और देखने के लिए स्वागत करते हैं।

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की मूलभूत मान्यताएँ

(1)  सर्वशक्तिमान परमेश्वर की  कलीसिया  के सिद्धांत ईसाई धर्म के सिद्धांत बाइबल से उत्पन्न होते हैं, और  सर्वशक्तिमान परमेश्वर  की क...

मंगलवार, 16 अप्रैल 2019

सीसीपी सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की निंदा एक "मानव संगठन" के रूप में करती है। उसका उद्देश्य क्या है?

झेंग वेगुओ (शहरी संयुक्त मोर्चा कार्य विभाग के मंत्री): मैं परमेश्वर में तुम्हारे विश्वास के बारे में फिर से बात करना चाहता हूँ। क्या तुम्हें पता है सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को किसने बनाया है? मैंने दशकों, लगभग अपना आधा जीवन धर्मों को पढ़ते हुए संयुक्त मोर्चे के लिए काम करने में लगाये हैं। मैं कई प्रकार के धर्मों को अच्छे से समझता हूँ। दो दशकों से ज़्यादा, हमने मुख्यतः सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के बारे में पढ़ा है। सरकार की प्रचार सामग्री के अनुसार, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को पूर्वोत्तर चीन में किसी झाहो नाम के व्यक्ति ने स्थापित किया था।
यह व्यक्ति सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया में सबसे बड़ा पादरी है। यह कलीसिया का प्रमुख है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया में विश्वास करने वाले दावा करते हैं कि पवित्र आत्मा ने उसे इस काम के लिए चुना है। वे अक्सर पवित्र आत्मा द्वारा चुने गए इस व्यक्ति के उपदेशों को सुनते हैं, और वे कलीसिया के आधिकारिक कार्यों के लिए भी उसका कहा मानते हैं। हालांकि, तुम सभी सर्वशक्तिमान परमेश्वर के विश्वासी, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हो, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के नाम पर प्रार्थना करते हो, सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा बताये गए वचन देह में प्रकट होता है को एक प्रामाणिक मत के रूप में मानते हो, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों पर अपनी सभाओं में संवाद करते हो, किसी भी मामले में, यही एक व्यक्ति है जिसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार प्राप्त है। इसलिए हमें इस बात का विश्वास है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया इसी व्यक्ति ने बनाई गयी है। चीनी कम्युनिस्ट सरकार और धार्मिक समुदाय दोनों ही, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को मनुष्य द्वारा बनाये गए एक संगठन के रूप में देखते हैं। और मुझे लगता है यह सच है। क्या तुम्हें यह समझ आ रहा है?
झेंग यी (एक ईसाई): पिताजी, चीनी कम्युनिस्ट सरकार ने सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का 20 साल से भी ज़्यादा अध्ययन किया है, तो आपका मानना है कि यह उसी अध्ययन का परिणाम है? तो फिर मुझे बताइये, ईसाई धर्म और कैथोलिक धर्म की स्थापना किसने की थी? क्या इनकी स्थापना करने वाले पौलुस या पतरस थे? यहूदी धर्म की स्थापना किसने की? क्या मूसा ने? ये सब बकवास है। पिताजी, आप नास्तिकों ने कभी भी परमेश्वर के अस्तित्व को स्वीकार नहीं किया है, यहाँ तक कि परमेश्वर के देहधारण करने की सच्चाई को भी नहीं। देहधारी मसीह ने चाहे कितने ही सत्य व्यक्त किये हों, कितना ही कार्य किया हो, और मनुष्य जाति का कितना उद्धार किया हो, क्या आप सभी उन्हें नकारने का प्रयास नहीं करते, उन्हें छिपाते और उनकी निंदा नहीं करते? पिताजी, क्या आपको लगता है कि ईसाई धर्म और कैथोलिक धर्म इंसानों ने बनाए थे? और ये सारे संगठन इंसानों के हैं? यह आपकी बहुत बड़ी बेवकूफी है। अगर प्रभु यीशु कार्य करने के लिए प्रकट नहीं हुए होते, तो प्रभु का कोई भी विश्वासी या अनुयायी पैदा नहीं हुआ होता, और न ही ईसाई धर्म का कोई अस्तित्व होता। क्या यह सब सच नहीं है? एक प्रेरित केवल अपनी प्रतिभा के बल पर कोई कलीसिया कैसे बना सकता है? पिताजी, क्या आप पतरस, यूहन्ना और दूसरे प्रेरितों के नेतृत्व और चरवाही के लिए लोगों की स्वीकृति को मानेंगे और कहेंगे कि ईसाई धर्म प्रेरितों ने बनाया था इसलिए यह एक इंसानी संगठन है? पिताजी, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का जन्म पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकटन और उनके कार्यों से हुआ था। क्योंकि लोगों ने सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त किए गए कई सत्यों से परमेश्वर की वाणी को सुना और वे परमेश्वर के सामने लौट आए और कलीसिया के रूप में एक होने लगे। कार्य के लिए प्रकट होने पर, सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने खुद पवित्र आत्मा द्वारा प्रयोग किये गए उस इंसान की गवाही दी, जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का मुखिया है। वह व्यवस्था के युग में मूसा और अनुग्रह के युग में प्रेरित की तरह ही वह परमेश्वर द्वारा चुने गए लोगों को सींचने, चरवाही करने और उनकी अगुवाई करने के अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिये परमेश्वर के द्वारा प्रयोग किया गया इंसान है। पिताजी, आपकी कम्युनिस्ट पार्टी परमेश्वर के कार्यों और परमेश्वर द्वारा व्यक्त सभी सत्यों को अस्वीकार करती है, यहाँ तक कि इस बात को भी अस्वीकार करती है कि परमेश्वर के चुने गए लोग जिस व्यक्ति पर विश्वास कर रहे हैं वे देहधारी परमेश्वर हैं। क्या यहाँ कोई छुपा उद्देश्य नहीं है? अगर यह सर्वशक्तिमान परमेश्वर का प्रकटन और कार्य नहीं होता, तो सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया कभी नहीं बनती और कभी भी अस्तित्व में नहीं आती। इस सच को नकारा नहीं जा सकता। चीनी कम्युनिस्ट सरकार अच्छी तरह जानती है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के ईसाई सर्वशक्तिमान परमेश्वर के नाम की प्रार्थना करते हैं। वे अपनी सभाओं में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते और उस पर संवाद करते हैं। तो क्यों चीनी कम्युनिस्ट सरकार अब भी इतना सफेद झूठ बोलती है? सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के परमेश्वर के चुने गए लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर में ही विश्वास करते हैं। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन के अनुसार परमेश्वर के चुने गए लोग उस मनुष्य का अनुसरण करते हैं जिसे पवित्र आत्मा ने इस्तेमाल किया है। यह सच्चाई है।
झेंग रुई (एक ईसाई): पिताजी, जब मैं आपको सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों के दो अनुच्छेद पढ़ कर सुनाऊंगी तो आप सब कुछ जान जायेंगे। सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले व्यक्ति के द्वारा किए जाने वाले कार्य, मसीह और पवित्र आत्मा के कार्य के साथ सहयोग करने के लिए है। यह मनुष्य परमेश्वर के द्वारा मनुष्य के बीच में खड़ा किया गया है, वह परमेश्वर के चुने हुए लोगों का नेतृत्व करने के लिए है, और परमेश्वर ने उसे मानवीय सहयोग का कार्य करने के लिए भी खड़ा किया है। ...दूसरी ओर, जो परमेश्वर के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है वह परमेश्वर के द्वारा तैयार किया जाता है, और जिसके भीतर कुछ योग्यता और मानवता होती है। उसे पहले से पवित्र आत्मा द्वारा तैयार और सिद्ध कर दिया जाता है और पूर्णरूप से पवित्र आत्मा द्वारा चलाया जाता है, और विशेषकर तब जब उसके कार्य की बारी आती है, उसे पवित्र आत्मा द्वारा निर्देश और आदेश दिए जाते हैं – परिणामस्वरुप परमेश्वर के चुने हुए लोगों की अगुवाई के मार्ग में कोई भटकाव नही आता, क्योंकि परमेश्वर निश्चित रूप से अपने कार्य का उत्तरदायित्व लेता है, और परमेश्वर हर समय अपना कार्य करता है" (वचन देह में प्रकट होता है)। पिताजी, "दस प्रशासनिक आज्ञाएँ जिनका परमेश्वर के चयनित लोगों द्वारा राज्य के युग में पालन अवश्य किया जाना चाहिए" में सातवीं प्रशासनिक आज्ञा स्पष्ट रूप से ये भी कहती है: "कलीसिया के कार्यों और मामलों में, परमेश्वर की आज्ञा मानने के अलावा, हर चीज में तुम्हें उस व्यक्ति के निर्देशों का पालन करना चाहिए जो पवित्र आत्मा के द्वारा उपयोग किया जाता है। यहाँ तक कि जरा सा अतिक्रमण भी अस्वीकार्य है। तुम्हें अपनी आज्ञाकारिता में पूर्ण होना चाहिए, और सही या ग़लत का विश्लेषण अवश्य नहीं करना चाहिए; क्या सही या ग़लत है इससे तुम्हारा कोई लेनादेना नहीं है। तुम्हें स्वयं केवल सम्पूर्ण आज्ञाकारिता की चिंता अवश्य करनी चाहिए" (वचन देह में प्रकट होता है)।
झेंग रुई: पिताजी, परमेश्वर के चुने हुए लोगों का पवित्र आत्मा द्वारा इस्तेमाल किए गए व्यक्ति के नेतृत्व को स्वीकार करना और उसे सींचना परमेश्वर के वचनों का पालन करना और परमेश्वर का कहना मानना है। जब आपकी चीनी कम्युनिस्ट सरकार सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का अध्ययन कर रही थी, तो उन्होंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ने के लिए समय क्यों नहीं निकाला? उन्होंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर की दस प्रशासनिक आज्ञाओं को क्यों नहीं देखा? आपने सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के परमेश्वर द्वारा चुने हुए व्यक्तियों से यह जानने की कोशिश क्यों नहीं की ताकि वो आपको सत्य बता देते? आपने सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को केवल ऊपरी तौर पर पढ़ा है सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़े बिना और परमेश्वर के कार्यों को समझे बिना, आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को वाकई कैसे समझ सकते हैं?
झेंग यी: पिताजी, चीनी कम्युनिस्ट सरकार हमेशा यह क्यों कहती है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया इंसान का बनाया संगठन है? वह देहधारी परमेश्वर के बारे में एक शब्द भी क्यों नहीं बोलती? उसने कभी भी वचन देह में प्रकट होता है किताब के किसी भी वचन का कभी उल्लेख क्यों नहीं किया? दरअसल, सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त सत्य से चीनी कम्युनिस्ट सरकार सबसे ज्यादा डरती है, क्योंकि कहीं-न-कहीं अन्दर से वो जानती है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के सभी विश्वासियों ने वचन देह में प्रकट होता है पुस्तक को पढ़ने के बाद सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार किया है। तो इसलिए चीनी कम्युनिस्ट सरकार यह कह कर लोगों का ध्यान बंटा रही है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया मनुष्य द्वारा बनाया गया एक संगठन है ताकि अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर कार्य करने के लिए प्रकट हुए हैं, इस सच्चाई को दुनिया से छिपाया जा सके, और लोग केवल इस व्यक्ति पर अपना ध्यान केन्द्रित कर लें। चीनी कम्युनिस्ट सरकार लोगों को परमेश्वर में विश्वास करने और परमेश्वर का अनुसरण करने से रोकने के लिए ऐसा कर रही है। यही उसका असल उद्देश्य है। सरकार सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है कि जिस कलीसिया में परमेश्वर कार्य करने के लिए प्रकट हुए हैं वह मनुष्य का एक संगठन है। यह सरकार का परमेश्वर की कलीसिया को दबाने और सताने का एक बहाना है। चीनी कम्युनिस्ट सरकार बहुत चालाक और शातिर है! पिताजी, जो कुछ भी मैंने कहा है क्या वह सब सच नहीं है? आपको उनके बीच के अंतर को समझना होगा। आपको अब सरकार की अफवाहों को और नहीं सुनना चाहिए!
"परिवार में रक्तिम पुनर्शिक्षा" फ़िल्म की स्क्रिप्ट से लिया गया अंश

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